सहसपुर विधानसभा : आर्येन्द्र शर्मा ने परिवार सहित किया मतदान
आर्येन्द्र को पार पाना भाजपा के लिए मुश्किल
देहरादून। सहसपुर क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी आर्येन्द्र शार्मा ने परिवार सहित किया अपने मतदान का प्रयोग राज्य की हॉट सीट कहे जाने वाली सहसपुर विधानसभा पर कांग्रेस की मजबूत पकड़ दिखाई दे रही है। प्रचार के अंतिम चरणों में भाजपा ने इस सीट पर लगभग सभी स्टार प्रचारकों को लगाया, परंतु यह सभी स्टार प्रचारक क्षेत्र की समस्याओं को कम हरीश रावत पर आरोप लगाते ज्यादा नज़र आए। पूरे चुनावी प्रचार के दौरान भाजपा का कोई भी बड़ा नेता सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुचाने में सफल होता नज़र नही आया। कांग्रेस प्रत्याशी आर्यन्द्र शर्मा सहसपुर सीट पर अकेले ही अपना प्रचार करते नजर आए, उन्होंने कभी भी चुनाव प्रचार के दौरान सत्तारुढ़ भाजपा पर सीधे-सीधे कोई आरोप नही लगाए बल्कि वह क्षेत्र की समस्याओं, बेरोजगारी, महँगाई, पलायन, उद्योगों में उन्नति, किसानों की समस्या व अन्य मूलभूत मुद्दों पर ही फोकस करते रहे। आर्यन्द्र शर्मा जनता के बीच यह संदेश देने में सफल रहे कि यदि वह क्षेत्र के विधायक चुने गए तो क्षेत्र का विकास सुनिश्चित है। उन्होंने कांग्रेस के विकास पुरुष कहे जाने वाले मुख्यमंत्री स्व0 एन डी तिवारी की शासनकाल में क्षेत्र के विकास के लिए किए गए एक-एक कार्य को जनता के बीच रखा। इस चुनाव में आर्यन्द्र शर्मा एक मंझे हुए राजनीतिज्ञ के रूप में नजर आए। उन्होंने अपनी सूझ-बूझ से बिखरी हुई कांग्रेस को एकजुट तो किया ही साथ ही वह क्षेत्र की जनता का दिल जीतने में भी सफल होते दिखाई दिये। सहसपुर विधानसभा सीट पर मुस्लिम मतदाता ही निर्णायक की स्थिति में रहता है। श्री शर्मा ने क्षेत्र के मुस्लिम नेताओं को एक मंच पर लाकर यह संदेश दिया कि इस बार के चुनाव में मुस्लिम वोटर का बंटवारा नही हो पाएगा। जिसके चलते भाजपा इस सीट पर असहज दिखाई दे रही है। भाजपा ने बड़े-बड़े नेताओं को स्टार प्रचारक के रूप में उतार कर इस सीट को हॉट बना दिया । जिसका सीधा लाभ आर्यन्द्र को मिलता नजर आ रहा है। भाजपा की इस नीति से आर्यन्द्र शर्मा क्षेत्र की जनता के बीच एक कद्दावर नेता की छवि के रूप में उभर कर सामने आए। क्षेत्र की जनता ने उन्हें सर्व मान्य नेता मान लिया, ऐसा प्रतीत हो रहा है । भाजपा पिछले 10 सालो से इस सीट को हासिल करने में सफल रही है, परंतु इस बार लग रहा है बहुत कठिन है डगर पनघट की।