प्रद्युम्न हत्याकांडः रेयान के मालिकों को हाई कोर्ट से मिली अग्रिम जमानत

चंडीगढ़। रेयान इंटरनेशनल स्कूल के शीर्ष प्रबंधकों की जमानत पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में आज सुनवाई हुई। हाई कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है। गत शुक्रवार को भी हाई कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई थी। हाई कोर्ट ने सीबीआइ को मंगलवार को केस डायरी पेश करने के निर्देश दिए थे। आज दोपहर सीबीआइ ने हाई कोर्ट में सीलबंद रिपोर्ट सौंपी।

हाई कोर्ट ने जमानत पर फैसले के लिए सुनवाई चार बजे तक स्थगित कर दी थी। शाम को सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने रेयान इंटरनेशनल स्कूल ग्रुप के सीईओ रेयान पिंटो, उसके पिता संस्थापक अध्यक्ष अगस्टाइन एफ पिंटो और मां प्रबंध निदेशक ग्रेसी पिंटो को जमानत दे दी। जस्टिस सुरेंद्र गुप्ता ने जमानत याचिका स्वीकार करते हुए कहा कि याची सीबीआइ जांच में शामिल होंगे और देश छोड़कर बाहर नहीं जाएंगे। सीबीआइ कोर्ट में चालान पेश होने तक जमानत का लाभ जारी रहेगा।

ये तीनों गुरुग्राम के भोंडसी स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल में हुई दूसरी कक्षा के छात्र प्रद्युम्न की हत्या के केस में जांच के दायरे में हैं। तीनों ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत सुनवाई 5 दिसंबर के पहले की गई। सीबीआइ की तरफ से कहा गया कि सीबीआइ ने स्कूल में पढ़ने वाले कक्षा 11 के एक छात्र पकड़ा है और अभी जांच जारी है, इसलिए रेयान परिवार को अग्रिम जमानत नहीं दी जानी चाहिए।

रेयान परिवार के वकील ने इसके जवाब में दलील दी कि उनके मुवक्किल जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं, लेकिन सीबीआइ ने अभी तक उनको एक बार भी पूछताछ के लिए नहीं बुलाया, इसलिए सीबीआइ की तरफ से जमानत का विरोध करना गलत है। प्रद्युम्न के पिता की तरफ से पेश वकील का तर्क था कि यह याचिका सुनवाई के योग्य नहीं है, क्योंकि हाई कोर्ट से पहले रेयान के मालिकों को जिला अदालत में अर्जी देनी थी।

विशेष परिस्थिति में ही हाईकोर्ट में याचिका दायर की जा सकती है। एक मासूम बच्चे का कत्ल हुआ है और स्कूल के मालिक कभी बंबई हाईकोर्ट तो कभी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में भाग रहे है। सीबीआइ रोजाना नई परत खोल रही हैं, इसलिए जमानत दी गई तो जांच प्रभावित हो सकती हैं। हरियाणा पुलिस पहले ही जांच भटकाने का काम कर चुकी है।

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