टेनिस: ऑस्ट्रेलियन ओपन में रोजर फेडरर इसलिए नहीं मान रहे खुद को खिताब का दावेदार…
नई दिल्ली: वर्ष का पहला ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट, ऑस्ट्रेलियन ओपन शुरू होने से पहले रोजर फ़ेडरर ने अपने आप को ख़िताब की रेस से बाहर मान लिया है. उन्होंने कहा कि बढ़ती उम्र के साथ ही किसी भी ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट को जीतने की संभावना कम हो जाती है. फ़ेडरर ने टूर्नामेंट शुरू होने से पहले रविवार को अपनी तैयारियों को आख़िरी रूप दिया. पिछले साल कड़े मुक़ाबले के बावजूद फ़ेडरर ने राफेल नडाल को पांच सेट तक चले फाइनल में 6-4, 3-6, 6-1, 3-6, 6-3 से मात देकर अपने करियर का 18वां ग्रैंडस्लैम ख़िताब जीता था. इस बार भी फ़ेडरर के सामने नडाल और नोवाका जोकोविच की चुनौती है. फ़ेडरर के हालिया फ़ॉर्म को देखे तो मेलबर्न में वे ख़िताब के बड़े दावेदार नज़र आ रहे हैं लेकिन खुद रोजर ऐसा नहीं मानते. फ़ेडरर ने कहा, ‘इससे पहले लोगों को मुझसे ख़िताब जीतने की कोई उम्मीद नहीं थी तो अच्छा लग रहा था लेकिन इस साल लोगों को मुझसे काफ़ी उम्मीद है. मुझे लगता है उम्र के साथ मैं अपने जीतने की संभावना को कम कर देता हूं क्योंकि मेरे विचार से 36 साल के खिलाड़ी को टूर्नामेंट जीतने का दावेदार नहीं बताना चाहिए. इसलिए अपने करियर के इस दौर में मैं काफ़ी आराम से खेल रहा हूं.’
फ़ेडरर ने कहा, ‘कुछ लोग मुझे दावेदार मानते हैं लेकिन मेरे लिए नडाल, जिनके लिए पिछला साल अच्छा रहा और जोकोविच, जिन्होंने मेलबर्न में 6 ख़िताब जीते हैं, फ़ेवरेट हैं. हालांकि ये सभी टूर्नामेंट शुरू होने से हो रही बातें हैं. फ़ेडरर इसे अपनी ज़िंदगी का बेहतरीन समय भी मान रहे हैं. ‘मेरी ज़िंदगी में ये अच्छा समय है, करियर के लिए भी अच्छा है क्योंकि मैं टेनिस खेल रहा हूं. पत्नी हमेशा की तरह साथ निभा रही है’ऑस्ट्रेलियन ओपन में फ़ेडरर भले ही अपनी दावेदारी को हल्के में आंक रहे हों लेकिन जानकार उनकी दावेदारी को मज़बूत बता रहे हैं.