भारत की इलेक्ट्रॉनिक अपशिष्ट समस्या से निपटने के लिए आरएलजी क्लीन टू ग्रीन अभियान का वित्त वर्ष 20-21 में 1.8 मिलियन से अधिक व्यक्तियों को छूने का इरादा

अल्मोड़ा। रिवर्स लॉजिस्टिक्स ग्रुप (आर एल जी) – व्यापक रिवर्स लॉजिस्टिक्स समाधानों की अग्रणी वैश्विक सेवा प्रदाता – ने मई 2020 में अपना प्रमुख अभियान‘क्लीन टू ग्रीन’ लॉन्च किया था जो  मार्च 2021 तक चलेगी। इस अभियान का उद्देश्य जिम्मेदार संगठनों के साथ भागीदारी करके इलेक्ट्रॉनिक्स के जिम्मेदार निपटान और रीसाइक्लिंग के लिए सुरक्षित प्रथाओं के बारे में जागरूकता और संवेदनशीलता पैदा करना है। 31 दिसंबर 2020 तक अभियान ने अल्मोड़ा में गुरु अकादमी और हवाल बाघ में गतिविधियाँ की हैं। आगामी गतिविधियों के तहत 4 स्कूल, 1 कॉलेज, 1 कार्यालय समूह / थोक उपभोक्ता और 1 डीलर/रिटेलर को शामिल किया जायेगा।क्लीन टू ग्रीन अभियान के बारे में बोलते हुए सुश्री राधिका कालिया, प्रबंध निदेशक, आरएलजी इंडिया ने कहा, “पिछले 3 वर्षों में हमारे अभियान को मिली सफलता से हम प्रोत्साहित हुए।वित्त वर्ष 2019-20 में, हमने क्लीन टू ग्रीन अभियान की पहुंच का विस्तार यह सुनिश्चित करने के लिए किया कि व्यक्तियों और पेशेवरों में यह समझ बढे कि इलेक्ट्रॉनिक्स का उचितनिपटान और रीसाइक्लिंग एक राष्ट्रीय प्राथमिकता है और जनता के बीच ई-कचरे के जिम्मेदार निपटान के बारे में जागरूकता की कमी गंभीर मुद्दा है।”अभियान के दूसरे वर्ष के शुभारंभ में बोलते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के निदेशक डॉ। संदीप चटर्जी ने कहा, “क्लीन टू ग्रीन अभियान ने इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग औरकॉर्पोरेट निकायों के साथ भारत में ई-कचरे के जिम्मेदार निपटान और पुनर्चक्रण सुनिश्चित करने के लिए सहयोग किया है । इस अभिनव और व्यापक समाधान ने निर्माताओं औरवितरकों से उत्पादों की वापसी को प्रेरित किया और उपयोग के कई चक्रों को सुविधाजनक बनाया। भारत में ई-कचरा प्रबंधन को चलाने के लिए ऐसी पहल की आवश्यकता है।”

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