मालपा में 30 लोगों के मरने की आशंका, 12 लोगों के शव बरामद; नौ की हुई शिनाख्त
घटियाबगड़(पिथौरागढ़) : उच्च हिमालयी क्षेत्र मालपा व दुंगदुंग में बादल फटने की घटना में तबाह हुए मालपा व मांगती घटियाबगड़ में हर तरफ तबाही के निशान दिख रहे हैं। बदहवास लोग लापता अपनों को मलबे में खोजने की जद्दोजहद में जुटे हैं। छलछलाई आंखों और दर्द भरे चेहरे उम्मीद में खोजबीन अभियान को एकटक निहार रहे हैं। ज्यों-ज्यों समय बीतता जा रहा है, शवों के मिलने की उम्मीद धूमिल होती जा रही है। मानव अंग या शव दिखते ही लोगों के चीत्कार से वातावरण दहल जा रहा है। अब तक 12 लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं। इसमें नौ लोगों की शिनाख्त हो सकी है। मरने वालों की संख्या 30 से अधिक होने की प्रबल आशंका जताई जाने लगी है। लापता लोगों में अब भी सेना के एक जेसीओ समेत छह जवानों का पता नहीं चल सका है। 30 लापता लोगों में 11 के नाम पते की पुष्टि कर ली गई है। एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमों को एयर लिफ्ट के जरिये घटना स्थल पर पहुंचा दिया गया है।
सोमवार तड़के बादल फटने के बाद मालपा में तीन होटल, चार दुकानें बह गई थीं जबकि मांगती घटियाबगड़ में सेना का कैंप तबाह हो गया था। इस घटना में पहले दिन 17 की मौत और 30 लोगों के लापता होने की बात सामने आई थी लेकिन प्रशासन महज पांच के मौत की पुष्टि कर रहा था। बुधवार को खोजबीन कार्य में सेना के हेलीकॉप्टर लगाए गए। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व राजस्व दल को एयर लिफ्ट करा कर बूंदी में उतारा गया। वहां से दल के सदस्य के सदस्य कई किमी पहाड़ी पगदंडियों पर पैदल चल कर मांगती व घटियाबगड़ पहुंचे। इसके बाद खोज कार्य में तेजी आई। इससे पहले स्थानीय युवा, आइएसबीटी व सेना के जवान खोज अभियान चला रहे थे। लापता लोगों की खोजबीन के लिए सेना के डॉग स्कवायड की मदद भी ली जा रही है। लापता लोगों में दस नेपाली मजदूरों को भी उनके साथियों ने अब मृत मान लिया है। नेपालियों के इस दावे के बाद मृतकों का आंकड़ा तीस से ऊपर जाने की आशंका है।
42 घंटे बाद भी असमंजस में प्रशासन
आपदा के 42 घंटे बीत जाने के बाद भी प्रशासन मृतकों व लापता लोगों की संख्या को लेकर असमंजस में है। जबकि स्थानीय लोग घटना की रात से गायब अपनों के बारे में सूचना दे रहे हैं। तस्वीर पूरी तरह अब भी साफ नहीं हुई है। बुधवार को प्रशासन ने सेना के छह लापता जवानों के साथ ही पांच लापता लोगों के नाम पते की पुष्टि कर लेने का दावा किया। मालपा में नौ शव बरामद हो चुके हैं। इनमें छह की शिनाख्त कर ली गई है। तीन शवों की शिनाख्त अभी नहीं हुई है। घटियाबगड़ में पति-पत्नी सहित तीन शव बरामद हुए हैं। पति-पत्नी की शिनाख्त स्थानीय निवासी के रू प में हुई है। तीसरे व्यक्ति की पहचान अभी नहीं हो सकी है। मृतकों में तीन का पंचनामा कर अंत्येष्टि कर दी गई है। आपदा में घायल हुए सुनील सिंह गब्र्याल को उपचार के लिए हेलीकाप्टर से हल्द्वानी भेज दिया गया है। सेना के चार जवानों का स्थानीय सेना चिकित्सालय धारचूला में उपचार चल रहा है। भारतीय सेना, आइटीबीपी की सातवीं वाहिनी और एसएसबी की 11 वीं और 55 वीं वाहिनी राहत एवं बचाव कार्यो मे लगी हुई है। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें भी क्षेत्र में जुटी हुई हैं।
लापता जवानों के नाम
जेसीओ शंकर सिंह राठौर, लांस नायक प्रकाश सिंह, शशिकांत त्रिपाठी, सूबेदार बाबू लाल, हवलदार राजकिशोर यादव व हवलदार अशोक कुमार।
एयर लिफ्ट कराए गए कैलास यात्री
कैलास मानसरोवर यात्रा पूरी कर लौट रहे 13वें दल के 23 सदस्यों को सुरक्षित स्थानों पर एयर लिफ्ट करा दिया गया है। इसमें 15 यात्रियों को जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ और आठ यात्रियों को धारचूला पहुंचाया गया। ये यात्री चीन से वापस लौटने के बाद गुंजी में फंस गए थे। मानसरोवर यात्रा मार्ग पर तीन पुल बह जाने से सड़क आवागमन पूरी तरह बंद हो गया है। केएमवीएन के जीएम ने बताया कि यात्रा नहीं रुकेगी। यात्रियों को हेलीकॉप्टर से बंद मार्गों को पार कराया जाएगा।
चार मृतकों के परिजनों को 16 लाख की सहायता
बादल फटने की घटना में मारे गए लोगों को राहत राशि देने का काम भी बुधवार को शुरू हो गया। मदरमा गांव के तीन मृतकों व मांगती हादसे में मृत कलावती देवी के परिजनों को भी चार- लाख रुपये का चेक प्रशासन ने दिया।