यातायात उल्लंघनों के लिए कम किए गए जुर्माने मोदी के गृह राज्य में लागू
अहमदाबाद। गुजरात में यातायात नियमों के उल्लंघनों के लिए कम किए गए जुर्माने सोमवार को लागू हो गए। राज्य की भाजपा सरकार ने हाल में संशोधित मोटर वाहन अधिनियम (एमवीए)में भारी जुर्माने में राहत देने की घोषणा सप्ताह भर पहले की थी। कांग्रेस ने हालाँकिइस पूरे कदम का विरोध किया और कहा कि नया अधिनियम सड़कों के गड्ढे भरे जाने के बाद ही लागू किया जाना चाहिए। गत सप्ताह राज्य सरकार ने संसद द्वारा जुलाई में पारित मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2019 के तहत विभिन्न यातायात उल्लंघनों के लिए लगाया गया भारी जुर्माने कम किये थे।
एक अधिकारी ने कहा कि सोमवार को सूरत के एक ट्रक मालिक ने 5,000 रुपये का जुर्माना भरा जो कि यह राज्य में सामने आने वाला सबसे अधिक जुर्माना है। उक्त जुर्माना वाहन का फिटनेस प्रमाणपत्र नहीं होने के लिए लगाया गया। प्रदूषण-नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाणपत्र जारी करने वाले केंद्रों पर लंबी कतारें लगी थीं। हालांकि सरकार पहले ही घोषणा कर चुकी है कि इसके उल्लंघन के लिए जुर्माना पुराने नियमों के अनुसार 100 रुपये ही रहेगा, नये अधिनियम के अनुसार निर्धारित 500 रुपये नहीं। गुजरात कांग्रेस प्रमुख अमित चावड़ा ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा और कहा कि इस अधिनियम को तभी लागू किया जाना चाहिए जब वह सड़कों को गड्ढा मुक्त बना दे।
कांग्रेस ने लोगों से नये अधिनियम के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करने के लिए 079-41050774 पर मिस कॉल देने के लिए कहा। चावड़ा दावा किया कि सरकार द्वारा उचित तैयारी किए बिना लोगों पर नया यातायात नियम थोप दिये गए। हजारों लोग अब भी पीयूसी प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए कतार में हैं। भाजपा सरकार ने पुलिस को इन नये नियमों को लागू करके लोगों को लूटने की इजाजत दे दिया है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने पिछले सप्ताह यातायात उल्लंघनों के लिए संशोधित अधिनियम में निर्धारित भारी जुर्माने में 90%तक की कटौती की घोषणा की थी।