RBI की जानकारी से हुआ खुलासा, 5000 और 10000 के नोट छापना चाहते थे रघुराम राजन
नई दिल्ली। जहां एक ओर नोटबंदी के बाद 2000 रुपए के नोट जारी किए जाने को कई लोगों ने गलत कहा था, वहीं दूसरी ओर 4 सितंबर 2016 को रिटायर हुए पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन 5000 और 10,000 रुपए के नोटो छापने के पक्ष में थे। रघुराम राजन ने केंद्र सरकार को 5,000 और 10,000 रुपए का नोट जारी करने का सुझाव दिया था। इस बात का खुलासा भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से लोक लेखा समिति को दी गई जानकारी में हुआ है। खुलासे में कहा गया है कि केंद्रीय बैंक ने अक्टूबर 2014 में मोदी सरकार को यह सलाह दी थी। ये भी पढ़ें- मई से लेकर नवंबर तक हुई नोटबंदी की प्लानिंग, हर शुक्रवार होती थी एक गुप्त बैठक
केंद्रीय बैंक द्वारा दी गई इस सलाह के करीब 18 महीने बाद मई 2016 में केंद्र सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक को बताया कि वह 2000 रुपए के नए नोट लाना चाहता है। इसके बाद इन नोटों की छपाई की तैयारियां शुरू हुईं और फिर जून 2016 में प्रिंटिंग प्रेस को नोटों की छपाई से संबंधित निर्देश जारी किए गए। लोक लेखा समिति को भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से जो जानकारी दी गई थी, उससे यह पता चलता है कि भारतीय रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार के बीच नोटबंदी से पहले किस तरह की और क्या बातें हो रही थीं।
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इस पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि 5,000 और 10,000 रुपए के नोट छापे जाने की सिफारिश को केन्द्र सरकार द्वारा खारिज कर दिया गया था। सरकार को जल्दी से जल्दी रिप्लेसमेंट करंसी चाहिए थी, इसलिए 2,000 रुपए के नोट छापे जाने का फैसला किया गया। उनका कहना था कि शुरुआती दिनों में 2000 रुपए के नोट की वजह से ही खरीदारी करने में काफी दिक्कत आई थी, ऐसे में अगर 5,000 और 10,000 रुपए के नोट छापे जाते तो लोगों को और अधिक दिक्कत का सामना करना पड़ता।
Source: hindi.oneindia.com