उत्तराखंड में तलाशी जा रही है खेलों के विकास की संभावनाएं

देहरादून : केंद्र सरकार की खेल योजनाओं को पूरे देश में पहुंचाने के प्रयास तेजी से किए जा रहे हैं। केंद्र की ओर से भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) की टीम ने प्रदेश का दौरा कर यहां मौजूद खेल अवस्थापना सुविधाओं का मुआयना किया। साथ ही, खेल अवस्थापना सुविधाओं में कुछ बदलाव करने के सुझाव भी दिए।

खेलों को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों को बेहतर कोचिंग प्रदान के उद्देश्य से केंद्रीय खेलमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर विभिन्न राज्यों में साई के कोचिंग कैंप संचालित करने की योजना बना रहे हैं। संभावनाओं को तलाशने के लिए साई की अधिशासी निदेशक अर्जुन अवार्डी अर्चना गोविल और क्षेत्रीय निदेशक राजेंद्र सिंह ने दून का दौरा किया।

उन्होंने महाराणा प्रताप स्पोर्टस कॉलेज में मौजूद खेल सुविधाओं जैसे हॉकी एस्ट्रोटर्फ, सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक, आइस स्केटिंग रिंक, बहुउद्देशीय क्रीड़ा हॉल का निरीक्षण किया। खेल अवस्थापनाओं से साई के पदाधिकारी संतुष्ट नजर आए। उन्होंने बहुउद्देशीय क्रीड़ा हॉल में टॉयलेट की संख्या बढ़ाने का सुझाव दिया।

इसके अलावा उन्होंने कॉलेज परिसर में निर्मित राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का जायजा भी लिया। इसके बाद साई के दोनों ही पदाधिकारी पौड़ी रवाना हो गए। पौड़ी के रासी स्टेडियम को साई की मदद से हाई एल्टीट्यूड ट्रेनिंग सेंटर के रूप में विकसित करने के प्रयास चल रहे हैं।

उप निदेशक खेल डॉ. धर्मेंद्र भट्ट ने बताया कि साई की टीम यहां खेल अवस्थापना सुविधाओं का जायजा लेने आई है। हमारा प्रयास है कि प्रदेश में साई की स्कीम के तहत एक्सीलेंसी सेंटर और एसटीसी खोले जाएं। इससे जहां प्रदेश के इलीट खिलाड़ियों को फायदा मिलेगा, वहीं एसटीसी से अन्य खेलों में खिलाडिय़ों को तराशने में मदद मिलेगी। इस दौरान सहायक निदेशक खेल सतीश कुमार सार्की, प्रभारी प्रधानाचार्य स्पोट्र्स कॉलेज राजेश ममगाईं, विनय सैनी, लोकेश कुमार आदि मौजूद थे।

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