कार्पोरेट जगत शोध कार्य को दें बढ़ावा : नायडू
कहा जाता है कि आवश्यकता ही अनुसंधान की जननी होती है। हमारे देश की आवश्यकता अब विकसित राष्ट्र की है। इसीलिए उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने निजी क्षेत्र की कंपनियों से अलग कोष बनाकर
कृषि, स्वास्थ्य और जलसंसाधन सहित मूलभूत सुविधाओं से जुड़े सभी क्षेत्रों में वैज्ञानिक शोध को बढ़ावा देने का आह्वान किया है।
नयी दिल्ली में भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (एनएएसआई) द्वारा अंतरराष्ट्रीय प्रकाशन समूह एल्सीवियर के सहयोग से हर साल दिये जाने वाले युवा वैज्ञानिक सम्मान समारोह को संबोधित करते हुये नायडू ने कहा कि उद्योग जगत द्वारा शोध विकास को बढ़ावा देने से जनसमस्याओं के स्थायी समाधान प्राप्त करना मुमकिन हो सकेगा। उन्होंने कहा कि पर्यावरण हितों को ध्यान में रखते हुये स्वास्थ्य, आवास, पेयजल और अन्य मूलभूत जरूरतों की समयबद्ध आपूर्ति सुनिश्चित करने में अत्याधुनिक तकनीक की अहम भूमिका है। निरंतर वैज्ञानिक शोध की मदद से इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। नायडू ने भारत में प्राचीन काल से विज्ञान एवं तकनीक के शीर्ष स्तर का जिक्र करते हुये कहा कि दुर्भाग्यवश ब्रिटिश गुलामी के कालखंड में तकनीकी विकास की गति को
धक्का लगा। लेकिन आजादी के बाद देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से लेकर मौजूदा प्रधानमंत्री तक, सभी सरकारों ने विज्ञान के महत्व को स्वीकार करते हुये बढ़ावा दिया। जिसकी बदौलत भारत ने एक बार फिर वैज्ञानिक शोध की दिशा में महत्वपूर्ण स्थान कायम किया है।