राष्ट्रव्यापी बंद लंबा खिंचने से वृद्धि दर में गिरावट भी लंबे समय तक रहेगी

नई दिल्ली ।  कोरोना वायरस पर काबू के लिए देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है, जिससे आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। लॉकडाउन का चौथा चरण रविवार 31 मई तक है। वहीं अब लॉकडाउन 5.0 की भी अटकलें शुरू हो गई हैं। ऐसे में भारत को वृद्धि दर में स्थिर गिरावट को रोकने के लिए लॉकडाउन से बाहर निकलने की रणनीति काफी सोच-विचार कर बनानी होगी। एसबीआई की एक शोध रिपोर्ट में यह बात कही गई है। बीते वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर घटकर 4.2 प्रतिशत रह गई है, जो इसका 11 साल का निचला स्तर है। बीते वित्त वर्ष की चौथी जनवरी-मार्च की तिमाही में वृद्धि दर 40 तिमाहियों के निचले स्तर 3.1 प्रतिशत पर आ गई है। एसबीआई की शोध रिपोर्ट इकोरैप में कहा गया है, ”अब हमारा मानना है कि हमें समझदारी के साथ लॉकडाउन से निकलने की रणनीति बनानी चाहिए। राष्ट्रव्यापी बंद लंबा खिंचने से वृद्धि दर में गिरावट भी लंबे समय तक रहेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्व के अनुभवों से पता चलता है कि मंदी से बाहर निकलने की रफ्तार काफी धीमी रहती है। आर्थिक गतिविधियों के पुराने स्तर पर पहुंचने में पांच से दस साल लग जाते हैं।

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