बदरीनाथ धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रिया हुई शुरू
बदरीनाथ : बदरीनाथ धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कपाटबंदी की प्रक्रिया के पहले दिन भगवान गणेश जी के कपाट बंद किए गए। कपाटबंदी से पहले श्रद्धालुओं ने भगवान गणेश की पूजा अर्चना की। इस पूजा अर्चना में स्थानीय लोगों के अलावा देशी विदेशी श्रद्धालु भी मौजूद रहे।
बदरीनाथ धाम के कपाट इस साल 19 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। कपाटबंदी की प्रक्रिया बुधवार से बदरीनाथ धाम में शुरू हो गई है। पहले दिन भगवान गणेश जी के कपाट बंद किए गए। बुधवार को प्रात: भगवान बदरी विशाल की अभिषेक व महाभिषेक पूजाओं के साथ साथ बाल भोग पूजा मुख्य पुजारी ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी द्वारा की गई। उसके बाद गणेश मंदिर के कपाट बंद करने की प्रक्रिया चालू हुई। मंदिर परिक्रमा परिसर में स्थित भगवान श्री गणेश जी के मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा पूजा अर्चना की गई। उसके बाद रावल द्वारा गणेश जी के मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद किए गए।
रात्रि को होंगे कपाट बंद
पंच पूजाओं के शुरू होने के साथ ही श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। श्री बदरीनाथ धाम में कपाट बंदी के अवसर पर इस वर्ष मंदिर को 15 क्विंटल गेंदा व जूही, चमेली के फूलों से सजाया जाएगा। श्री बदरीनाथ धाम में 17 सालों में यह पहला मुहूर्त है कि रात्रि अंधेरे में भगवान बदरी विशाल के कपाट बंद होंगे।