गीतांजलि ग्रुप को 5280 करोड़ के लोन मामले में PNB के एमडी सुनिल मेहता से आज SFIO करेगी पूछताछ
नई दिल्ली: भारत सरकार के कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय के सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस ने पंजाब नेशनल बैंक एमडी सीईओ सुनील मेहता को आज पूछताछ के लिए तलब किया है. सुनील मेहता से सीबीआई और ईडी पहले भी पूछताछ कर चुकी है. ये मामला पीएनबी स्कैम में आरोपी मेहुल चौकसी की कंपनी गीतांजलि ग्रुप को दिए 5280 करोड़ के लोन का है. ये लोन 12600 करोड़ के फ़र्ज़ी एनओयू से अलग है. इससे पहले मंगलवार को SFIO ने आईसीआईसीआई बैंक की CEO चंदा कोचर और एक्सिस बैंक की MD और CEO शिखा शर्मा को तलब किया था.
मंगलवार को इस मामले में देश के सबसे बड़े प्राइवेट सेक्टर बैंक ICICI बैंक की प्रमुख चंदा कोचर तथा एक्सिस बैंक की प्रमुख शिखा शर्मा को एन्टी-फ्रॉड एजेंसी SFIO ने बैंक घोटाले से जुड़े एक मामले में समन भेजा था. दरअसल, मेहुल चोकसी के गीतांजलि ग्रुप को कर्ज़ा देने वाले 31 बैंकों के कन्सॉर्टियम का नेतृत्व ICICI बैंक ही कर रहा था. सूत्रों ने बताया है कि बैंकों के शीर्ष अधिकारियों को फ्रॉड केस में आरोपी मानकर नहीं, सिर्फ स्पष्टीकरण के उद्देश्य से जवाब तलब किए जा रहे हैं.
बता दें कि सीबीआई ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में अरबपति जौहरियों नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी (गीतांजलि ग्रुप के मालिक) द्वारा कथित रूप से की गई 12,636 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के सिलसिले में रविवार को चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया. अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने नीरव मोदी समूह की कंपनियों के दो कर्मचारियों और एक ऑडिटर को गिरफ्तार किया जबकि चौकसी के स्वामित्व वाली गीतांजलि समूह की कंपनियों के एक निदेशक को भी हिरासत में लिया गया.
अधिकारियों ने बताया कि नीरव मोदी के स्वामित्व वाली फायरस्टार्टर इंटरनेशनल लिमिटेड के तत्कालीन एजीएम (ऑपरेशन) मनीष के बोसमिया और तत्कालीन वित्त प्रबंधक मितेन अनिल पंड्या को पंजाब नेशनल बैंक को फर्जी तरीके से लेटर्स आफ अंडरटेकिंग्स (एलओयू) के लिए जमा किये गए आवेदन तैयार करने में कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया. उन्होंने बताया कि चार्टर्ड अकाउंटेंसी कंपनी सम्पत एंड मेहता, मुंबई में साझेदार ऑडिटर संजय रंभिया को भी गिरफ्तार किया गया.
सीबीआई ने मेहुल चौकसी की कंपनी गिली इंडिया के तत्कालीन निदेशक ए शिव रमण नायर को भी गिरफ्तार किया है. अधिकारियों ने कहा कि यह आरोप है कि गीतांजलि समूह की कंपनियों के निदेशकों में से एक होने के अलावा वह कथित एलओयू और फारेन लेटर्स आफ क्रेडिट (एफएलसी) जारी करने के लिए पीएनबी में जमा अर्जियों के लिए अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता था.