गौरीकुंड हाईवे पर पैदल आवाजाही शुरू,फंसे घोड़े-खच्चरों के साथ यात्रियों को सुरक्षित निकाला जा रहा
रुद्रप्रयाग,। सोनप्रयाग-गौरीकुंड के बीच बंद राजमार्ग को आवाजाही लायक बना दिया गया है। मार्ग से पैदल यात्रियों के साथ घोड़े-खच्चर भी आवागमन करने लगे हैं। इसके साथ ही पैदल मार्ग के एक-दो स्थानों पर आवाजाही शुरू हो चुकी है। अन्य क्षतिग्रस्त स्थानों पर कार्य चल रहा है। दूसरे चरण की केदारनाथ यात्रा को सफलतापूर्वक संचालित कराने को लेकर जिला प्रशासन ने भी कमर कस ली है।बता दें 31 जुलाई को केदारनाथ पैदल मार्ग पर आपदा से भारी नुकसान हुआ था। साथ ही सोनप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे भी जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गया था। जिलाधिकारी डॉ सौरभ गहवार के निर्देशन में पैदल मार्ग से लेकर राजमार्ग को दुरूस्त करने का कार्य तेज गति से किया जा रहा है। शुक्रवार को सोनप्रयाग-गौरीकुंड के बीच ध्वस्त राजमार्ग को पैदल आवाजाही लायक बनाया गया, जिससे पैदल मार्ग में फंसे घोड़े-खच्चर और स्थानीय लोग आराम से सोनप्रयाग पहुंच गए। राष्ट्रीय राजमार्ग अधिशासी अभियंता निर्भय सिंह ने बताया सोनप्रयाग एवं गौरीकुंड के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग डेढ़ सौ मीटर पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गई थी। जिस पर आवाजाही पूर्णतः बंद थी। शुक्रवार को राजमार्ग को पैदल आवाजाही लायक बनाया गया, जिससे यात्रियों एवं घोड़े-खच्चरों ने आवाजाही करके सुकून महसूस किया। इस मार्ग को बनाए जाने के बाद सोनप्रयाग एवं गौरीकुंड के बीच फंसे घोड़े-खच्चरों के साथ यात्रियों को सुरक्षित निकाला जा रहा है। उन्होंने कहा क्षतिग्रस्त सड़क मार्ग का निर्माण कार्य जारी है। पोकलैंड मशीन से 75 मीटर सड़क की कटिंग कर ली गई है। अधिशासी अभियंता डीडीएमए विनय झिंक्वाण ने बताया यात्रा मार्ग के क्षतिग्रस्त स्थानों पर ट्रीटमेंट का कार्य चल रहा है। प्रयास रहेगा कि यात्रा मार्ग को जल्द से जल्द यात्रियों की आवाजाही के लिए ठीक किया जा सके। जल संस्थान के अधिशासी अभियंता अनीश पिल्लई ने बताया यात्रा मार्ग के विभिन्न पड़ावों में क्षतिग्रस्त पेयजल लाइनों को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत पेयजल आपूर्ति के लिए सुचारू कर दी गई है।