चलती ट्रेन में TTE को ढूंढ़ना हो जाएगा आसान, रेलवे ने उठाया ये बड़ा कदम
नई दिल्ली । सफर के दौरान कोई भी समस्या होने पर यात्री अपनी परेशानी को लेकर ट्रेन टिकट परीक्षक (टीटीई) व कंडक्टर के पास पहुंचते हैं, इसलिए ट्रेन में इनके बैठने के स्थान की सूचना यात्रियों को होनी चाहिए। यात्रियों को इन्हें ढूंढ़ने में कोई मुश्किल न हो, इसलिए प्रत्येक श्रेणी की ट्रेन व कोच में टीटीई व सुरक्षाकर्मियों के लिए सीट निर्धारित कर दी गई है।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि ट्रेन में तैनात कर्मचारियों के लिए स्थान पहले से निर्धारित हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में दुरंतो, हमसफर, सुविधा स्पेशल सहित कई नई श्रेणी की ट्रेनें चलाई गई हैं। कोच की क्षमता में भी बदलाव हुआ है इसलिए टीटीई और अन्य कर्मचारियों के स्थान की फिर से समीक्षा की गई है।
मेल/एक्सप्रेस ट्रेनें, महामना एक्सप्रेस व इस तरह की अन्य ट्रेनों में प्रथम वातानुकूलित व द्वितीय वातानुकूलित श्रेणी के कोचों के लिए तैनात कंडक्टर के लिए ए1 कोच में बर्थ नंबर पांच निर्धारित होगा।
वहीं, तृतीय वातानुकूलित श्रेणी के लिए बी1 कोच में बर्थ नंबर सात तथा शयनयान श्रेणी में प्रत्येक दूसरे कोच में बर्थ नंबर सात टीटीई के लिए निर्धारित किया गया है।
राजधानी एक्सप्रेस व दुरंतो एक्सप्रेस में प्रथम वातानुकूलित व द्वितीय वातानुकूलित श्रेणी में तैनात ट्रेन अधीक्षक (टीएस) के लिए एन1 कोच का बर्थ नंबर पांच होगा। वहीं, तृतीय वातानुकूलित श्रेणी के बी1, बी3, बी5 व बी7 कोच में बर्थ नंबर सात पर यह व्यवस्था होगी।
शताब्दी एक्सप्रेस और दिन में चलने वाली इस तरह की अन्य ट्रेनों में सी1, सी3, सी5 व सी7 सीट टीएस के लिए आरक्षित होगी। वहीं, ट्रेन में तैनात रेलवे सुरक्षा बल या राजकीय रेल पुलिस के जवान तैनात हैं तो उनके लिए एस1 कोच में 63 नंबर बर्थ होगा।
अधिकारियों का कहना है कि इस व्यवस्था से यात्रियों को सुविधा होगी। टीटीई टिकट जांच करने के बाद अपने स्थान पर पहुंच जाएंगे, जिससे यात्रियों को अपनी बात उन तक पहुंचाने में आसानी होगी।
वहीं, यात्रियों का कहना है रेल कर्मियों व सुरक्षाकर्मियों के लिए निर्धारित स्थान के बारे में प्रत्येक कोच में लिखित जानकारी देने के साथ ही चार्ट में भी इसका उल्लेख किया जाना चाहिए।