हमारा दृष्टिकोण मानवीय, पर अवैध प्रवास स्वीकार्य नहीं : राजनाथ सिंह
जम्मू: केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने यहां मंगलवार को कहा कि भारत सरकार ने प्रवासियों और विस्थापित लोगों के लिए एक मानवीय दृष्टिकोण अपनाया है, लेकिन हम गैरकानूनी प्रवास के सख्त खिलाफ हैं. गृहमंत्री की यह प्रतिक्रिया संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद द्वारा भारत की इस बात के लिए आलोचना किए जाने के बाद सामने आई कि रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस म्यांमार भेजा गया, जहां वे उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं.
गृहमंत्री ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत सरकार ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से विस्थापित हुए लोगों के पुनर्वास के लिए दो हजार करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. इसका वितरण उनके नाम आधार कार्ड से जुड़ने के बाद किया जाएगा. राजनाथ ने कहा कि सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि कश्मीर घाटी में 6 हजार पारगमन आवास भी बनाए जाएंगे.
देश के सीमावर्ती इलाकों में रह रहे लोगों को सामरिक संपत्ति बताते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार एक विशेषज्ञ समूह का गठन करेगी, जो इन लोगों द्वारा झेली जा रही समस्याओं का अध्ययन करेगा.
गृहमंत्री ने सीमा के आसपास के इलाकों में गोलीबारी के दौरान मारे जाने वाली स्थानीय लोगों को मिलने वाले मुआवजे को 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की घोषणा की. साथ ही नियंत्रण रेखा के पास के इलाकों में बंकरों के निर्माण की बात कही.
गृहमंत्री 9 सितंबर से अपने चार दिवसीय जम्मू-कश्मीर दौरे पर हैं. सोमवार को उन्होंने नौशेरा का दौरा किया और सीमा पर रहने वाले लोगों के साथ-साथ सीमा सुरक्षा बल के जवानों से मिले.