निर्धारण वर्ष 2015-16 में केवल 1.7 प्रतिशत भारतीयों ने आयकर का भुगतान किया
नई दिल्ली: केवल दो करोड़ भारतीयों ने निर्धारण वर्ष 2015-16 में आयकर का भुगतान किया. यह संख्या कुल आबादी का महज 1.7 प्रतिशत है. आयकर विभाग के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. विभाग के अनुसार निर्धारण वर्ष 2015-16 (वित्त वर्ष 2014-15 की आय पर) में आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या बढ़कर 4.07 करोड़ हो गयी जो इससे पूर्व वर्ष में 3.65 करोड़ थी. लेकिन वास्तव में कर का भुगतान केवल 2.06 करोड़ लोगों ने ही किया. अन्य ने अपनी आय कर निर्धारण सीमा से कम होने का हवाला दिया. इससे पूर्व निर्धारण वर्ष 2014-15 में 1.91 करोड़ लोगों ने कर का भुगतान किया जबकि रिटर्न भरने वालों की संख्या 3.65 करोड़ थी.
हालांकि, निर्धारण वर्ष 2015-16 में व्यक्तिगत आयकर भुगतान राशि कम होकर 1.88 लाख करोड़ रुपये रह गई जो 2014-15 में 1.91 लाख करोड़ रुपये थी. पिछले सप्ताह जारी आंकड़े के अनुसार 120 करोड़ आबादी में से तीन प्रतिशत से कुछ अधिक लोगों ने ही रिटर्न फाइल किये. इसमें से 2.01 करोड़ ने शून्य आयकर का भुगतान किया वहीं 9,690 ने एक करोड़ रुपये से अधिक कर का भुगतान किया. केवल एक व्यक्ति ने 100 करोड़ रुपये से अधिक (238 करोड़ रुपये) कर का भुगतान किया. कुल 2.80 करोड़ कर देने वालों में से 19,931 करोड़ रुपये की प्राप्ति उन लोगों से हुई जिन्होंने 5.5 लाख रुपये से लेकर 9.5 लाख रुपये के बीच कर भुगतान किया.
आंकड़े के अनुसार 1.84 करोड़ रिटर्न के तहत 1.5 लाख रुपये या औसतन 24,000 रुपये का कर भुगतान किया गया. निर्धारण वर्ष 2015-16 में कर रिटर्न दाखिल करने वाले कुल 4.07 करोड़ लोगों में से 82 लाख ने शून्य कर अथवा 2.5 लाख रुपये से कम आय दिखाई है. वर्तमान में ढाई रुपये सालाना तक की आय पर आयकर नहीं लगता. आंकड़ों के अनुसार निर्धारण वर्ष 2015-16 में व्यक्तिगत आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की कुल आय 21.27 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है जो कि इससे पिछले साल 18.41 लाख करोड़ रुपये रही.
वर्ष के दौरान सबसे ज्यादा 1.33 करोड़ आयकर रिटर्न 2.5 लाख से 3.5 लाख रुपये वार्षिक के आय वर्ग में थी. कुल मिलाकर व्यक्तिगत आयकर रिटर्न सहित निर्धारण वर्ष 2015-16 में 4.35 करोड़ आयकर रिटर्न दाखिल की गई और इनमें कुल 33.62 लाख करोड़ रुपये आय की घोषणा की गई. इससे पिछले वर्ष 3.91 करोड़ रिटर्न दाखिल की गई और 26.93 लाख करोड़ की आय घोषित की गई. कंपनियों ने इस दौरान 7.19 लाख रिटर्न दाखिल की जिनमें कुल 10.71 लाख करोड़ रुपये की आय घोषित की गई.