प्याज के दाम में तेजी बरकरार, जानिए कब तक है राहत की उम्मीद
नई दिल्ली। प्याज की घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए आयात बढ़ाने के बावजूद इस प्रमुख सब्जी की खुदरा कीमतें शुक्रवार को बढ़कर 150 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई। यह कीमत तब पहुंची है जब आयातित प्याज की खेप की आवक शुरू हो गई है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, महानगरों में से, कोलकाता में प्याज का खुदरा मूल्य 120 रुपए किलो, दिल्ली और मुंबई में 102 रुपए किलो तथा चेन्नई में 80 रुपए किलो है। ज्यादातर शहरों में, प्याज की कीमतें 100 रुपए किलो थी। ईटानगर में, प्याज की कीमत 150 रुपए किलो पर पहुंच गई।एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘आयातित प्याज की आवक शुरू हो गई है। लगभग 1,160 टन प्याज भारत पहुंच चुका है। अगले 3-4 दिनों में अतिरिक्त 10,560 टन आयात की खेप आने की उम्मीद है।’ अधिकारी ने कहा कि लाल और पीले दोनों किस्म के प्याज तुर्की, मिस्र और अफगानिस्तान से आयात किए गए हैं। आयात की ये खेपें मुंबई बंदरगाह पर उतरती हैं। सरकार की ओर से प्याज का आयात करने वाली सरकारी स्वामित्व वाली एमएमटीसी ने अब तक 49,500 टन प्याज का अनुबंध किया है। अगले महीने कुछ आयातित खेप आएंगी।प्याज के प्रमुख उत्पादक राज्यों में अत्यधिक बारिश के कारण पिछले वर्ष की तुलना में फसल वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) में खरीफ उत्पादन में 25 प्रतिशत की गिरावट की आशंका के बाद प्याज कीमतें तेजी से बढ़ी हैं। पिछले कुछ हफ्तों में कई सरकारी उपायों के बावजूद कीमतें ऊंची बनी हुई हैं। सरकार ने पहले ही प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है, व्यापारियों पर स्टॉक रखने की सीमा लागू कर दी है और बफर स्टॉक से सस्ती दर पर प्याज की आपूर्ति भी की जा रही है। व्यापारियों और विशेषज्ञों का मानना है कि प्याज की कीमतें जनवरी तक बढ़ी रहेंगी। जब तक देर से तैयार होने वाले खरीफ फसल बाजार में आना न शुरू हो जाएं तबतक कीमतों में नरमी की संभावना नहीं है। इससे पहले, भारत ने आखिरी बार वर्ष 2015-16 में 1,987 टन प्याज का आयात किया था जब इसकी कीमतें काफी बढ़ गई थीं।