बूढ़े ‘शेर’ की दिलेरी से पस्त हुआ तेंदुआ
बागेश्वर : जवानी में जांबाजी के किस्से तो आम होते हैं, लेकिन साठ की उम्र में भी पंजों की ताकत और दहाड़ शेर जैसी हो तो फिर क्या कहने? अगर परिवार के जान पर बन आए तो ऐसी दिलेरी ही काम आ सकती है जो इस बुजुर्ग पूर्व फौजी ने कर दिखाया। घर में घुसे तेंदुए ने परिवार की महिलाओं-बच्चों पर झपटने का दुस्साहस किया तो पूर्व फौजी ‘बूढ़ा शेर’ बन तेंदुए पर झपट पड़ा।
दोनों के बीच आधा घंटा तक संघर्ष हुआ। अंत में हार तेंदुए ने मानी और भाग खड़ा हुआ। अलबत्ता जाते-जाते तेंदुए घर के पालतू कुत्ते को जरूर दबोच ले गया। तेंदुए के हमले में पूर्व फौजी गंभीर रूप से घायल हो गया है, लेकिन उसकी दिलेरी ने परिवार की जान बचा ली। यह हैरतअंगेज वाक्या जिले के कांडा तहसील के करड़िया देवल का है।
गांव निवासी पूरन सिंह भंडारी(60 वर्ष) पुत्र त्रिलोक सिंह भंडारी मंगलवार भोर में करीब तीन बजे घर के अंदर से बाथरूम जाने के लिए बाहर निकले। जैसे ही उन्होंने दरवाजे की कुंडी खोली। घात लगाकर बैठे तेंदुए ने उनपर हमला कर दिया। हमला इतना जोरदार था कि वे मौके पर गिर गए।
तेंदुआ घर के भीतर घुस गया। तेंदुए के भीतर घुसने के बाद घर का द्वार अपने आप बंद हो गया। घर के अंदर पूरन की पत्नी, बहू व पांच माह का शिशु सो रहा था। अनहोनी की आशंका ने पूर्व फौजी में असीम ताकत भर दी। वह उठे और किवाड़ खोल कर तेंदुए पर झपट पड़े। दोनों काफी देर तक गुत्थम-गुत्था रहे।
इस दौरान दोनों ने एक दूसरे पर पंजे और घूंसों से वार किया। तेंदुए और पूर्व फौजी के बीच आधा घंटा तक संघर्ष चला। अंतत: वह परिवार की जान बचाने में सफल रहे। तेंदुए के हमले में वह गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इस बीच शोर सुनकर आस-पास के लोग भी एकत्र हो गए। जिसके बाद उन्हें कांडा स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। जहां उनका इलाज किया गया।