एनटीपीसी हादसे की होगी दोहरी जांच, मानवाधिकार आयोग ने भी भेजा नोटिस
लखनऊ । नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी), ऊंचाहार के प्लांट में ब्वॉयलर फटने से मरने वालों की संख्या गुरुवार को काफी बढ़ गई। एनटीपीसी के क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक रवींद्र सिंह राठी ने इसकी पुष्टि की है।
बुधवार रात तक मरने वालों की संख्या 22 बताई गई थी। हालांकि, हादसे के दूसरे दिन भी एनटीपीसी अधिकारी न तो ब्वॉयलर फटने का कारण पता कर पाए और न ही किसी की जिम्मेदारी तय कर पाए। प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने अब इसके लिए जहां मजिस्ट्रेट जांच के निर्देश दिए हैं, वहीं केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह के निर्देश पर एनटीपीसी ने भी जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की है।
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बुधवार को हादसे के बाद ऊंचाहार में गुरुवार को दिन भर मंत्रियों, नेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों के काफिलों का आवागमन बना रहा। सुबह 11 बजे केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री आरके सिह और प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा एनटीपीसी पहुंचे। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रारंभिक जांच में मानवीय भूल की बात सामने नहीं आयी है। उन्होंने बताया कि एनटीपीसी की जांच टीम गठित कर 30 दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी ऊंचाहार पहुंचे और पोस्टमार्टम हाउस पर उन्होंने अफसरों से हरसंभव सहायता देने की बात कही। उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा भी घटनास्थल पहुंचे। उन्होंने घायलों के उपचार के लिए एयर एंबुलेंस सहित तमाम संसाधन मुहैया कराने का भरोसा दिया। एनटीपीसी, पोस्टमार्टम हाउस और अस्पताल पहुंचने वालों में प्रमुख रूप से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर, केएल शर्मा, गुलाम नबी आजाद, संजय सिंह, अखिलेश प्रताप सिंह, प्रमोद तिवारी भी शामिल रहे।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भेजा नोटिस
रायबरेली के ऊंचाहार क्षेत्र में एनटीपीसी पावर प्लांट में बुधवार को हुए ब्वॉयलर ब्लास्ट में मौतों पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार को नोटिस भेजा है। अपने सरोकार जताते हुए आयोग ने कहा है कि इस घटना से जीने के अधिकार का हनन हुआ है। आयोग ने घटना के पीछे लापरवाही या गड़बडिय़ों या अन्य कारणों का पता लगाने के लिए तत्काल मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की जरूरत बतायी है। आयोग के पैनल ने यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि ऐसी त्रासदियों की पुनरावृत्ति न हो। नोटिस मुख्य सचिव राजीव कुमार को भेजी गई है और सरकार से छह हफ्ते में विस्तृत रिपोर्ट की अपेक्षा की गई हो। आयोग ने राज्य सरकार को इस प्रकरण को गंभीरता से लेने और मृत लोगों के परिवारीजन को उचित मुआवजे के माध्यम से अविलंब आर्थिक राहत देने का निर्देश दिया है। वहीं प्रशासन को दुर्घटना में घायल हुए व्यक्तियों का अच्छे से अच्छा इलाज कराने के साथ उनके पुनर्वास की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है।
यह मिलेगा मुआवजा
मौके पर पहुंचे ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि मृतक परिवारों को एनटीपीसी की ओर से 20-20 लाख की सहायता दी जाएगी। गंभीर घायलों को 10 और अन्य को 2-2 लाख रुपये दिए जाएंगे। साथ ही प्रधानमंत्री राहत कोष से भी मृतक आश्रितों को 2-2 लाख रुपये दिए जाएंगे, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुर्घटना में मृत व्यक्तियों के आश्रितों को दो लाख रुपये, गंभीर रूप से घायल लोगों को 50 हजार रुपये व मामूली घायल को 25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने का एलान किया है।
तीन सदस्यीय समिति गठित
हादसे की जांच के लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के निर्देश पर एनटीपीसी प्रबंधन ने अधिशासी निदेशक एसके रॉय की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति बनाई है। समिति में दक्षिण क्षेत्र के प्लांट ऑपरेशन के विशेषज्ञ और इंजीनियङ्क्षरग विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी को शामिल किया गया है।
100 में 85 घायल
हालांकि स्थानीय निवासियों की आशंका मलबे में कई कर्मचारियों के दबे होने की है लेकिन एनटीपीसी अधिकारियों ने बताया कि हादसे के समय प्लांट में काम कर रहे 100 अधिकारियों-कर्मचारियों में से 85 इसकी चपेट में आए जिसमें 29 की मौत हो गई और बाकी का इलाज रायबरेली, लखनऊ और दिल्ली में चल रहा है। अधिकारियों ने बताया कि प्लांट में काम करने के लिए संविदाकर्मियों को भेल से संबद्ध इंडवेल व पावरमेक फर्म से लाया गया था।
सुरक्षा प्रणाली पर उठे सवाल
एनटीपीसी प्लांट में हादसे के बाद इस महारत्न कंपनी की सुरक्षा प्रणाली को लेकर सवाल उठने लगे हैैं। उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि समय रहते प्लांट की सुरक्षा प्रणाली ने यदि खतरे के प्रति कर्मचारियों को आगाह कर दिया होता तो हादसे से बचा जा सकता था। वर्मा ने प्लांट के ट्रिपल टी (टर्बुलेंस, टाइम व टेम्परेचर) मानक के फेल होने पर भी सवाल उठाए।
मानकों को कर रहे दरकिनार
ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने बिजली उत्पादन के क्षेत्र में सुरक्षा मानक दरकिनार किए जाने पर चिंता जताते हुए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। फेडरेशन के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने हादसे में जान गंवाने वाले कर्मचारियों के परिवार में किसी को नौकरी और एक करोड़ रुपये मुआवजा देने की मांग की है। अभियंताओं का दल ऊंचाहार में घटनास्थल पर भी गया था।
News Source: jagran.com