फौज में भर्ती होने के लिए अब पहले दौड़ाने होंगे दिमागी घोड़े
देहरादून : फौज में भर्ती होने के लिए अब पसीना बहाने से पहले दिमागी घोड़े दौड़ाने होंगे। जो अभ्यार्थी लिखित परीक्षा पास करेंगे उन्हें ही शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए बुलाया जाएगा। यह बदलाव बहुत जल्द देखने को मिलेगा। जिसके तहत दौड़ के स्थान पर युवाओं को पहले लिखित परीक्षा देनी होगी।
नयी व्यवस्था के तहत लिखित परीक्षा के लिए आवेदन जमा होने के बाद बैच में ऑनलाइन लिखित परीक्षा की तारीख और समय तय किया जाएगा। सूचना भी सेना ऑनलाइन जारी करेगी। नई व्यवस्था से पेपर आउट होने की संभावना नहीं रहेगी। जो अभ्यर्थी लिखित परीक्षा में पास हो जाएंगे, सेना उनको दौड़ आदि में शामिल होने के लिए आमंत्रित करेगी।
बता दें कि सेना देशभर में खुली भर्ती रैली आयोजित करती है। जिसके तहत सबसे पहले अभ्यर्थी की शारीरिक क्षमता को परखा जाता है। दौड़, बीम, गड्ढा कूद में बेहतर प्रदर्शन भर्ती की गारंटी माने जाते हैं, लेकिन एक पहलू यह भी है कि रैली में आने वाली युवाओं की भीड़ को काबू करने के लिए सेना और सिविल प्रशासन को खासी मशक्कत करनी पड़ती है।
इंतजामों पर भी काफी बजट भी खर्च होता है। इतनी कवायद के बावजूद 10 फीसद अभ्यर्थी लिखित परीक्षा तक पहुंच पाते हैं। 90 फीसदी अभ्यर्थी शारीरिक दक्षता और मेडिकल परीक्षा में फेल हो जाते हैं।
सेना भर्ती कार्यालय लैंसडौन के निदेशक कर्नल आरएस चड्ढा ने बताया कि केंद्र इस प्रस्ताव को मंजूरी दे चुका है। इसके क्रियान्वयन की प्रक्रिया अभी चल रही है। उन्होंने बताया कि अगले कुछ वक्त में व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। हालांकि अभी इसकी आधिकारिक सूचना प्राप्त नहीं हुई है।