अब उत्तराखण्ड में घर-घर बांटी जाएगी दवाई
देहरादून।उत्तराखंड में कोरोना से बचाव के लिए अब सभी लोगों को प्रोफाइल ट्रीटमेंट के तौर पर आईवरमैक्टिन दवा खिलाई जाएगी। सरकार ने संक्रमण के प्रभाव को कम करने के लिए विशेषज्ञ समिति की सिफारिश पर यह निर्णय लिया है। मुख्य सचिव ओमप्रकाश की ओर से मंगलवार को इस संदर्भ में सभी जिलाधिकारियों को आदेश जारी कर दिया गया है।उत्तराखंड के हर क्षेत्र में फैला कोरोना : राज्य के हर क्षेत्र में कोरोना संक्रमण फैल चुका है। ऐसे में राज्य में कोरोना ट्रीटमेंट के लिए बनी विशेषज्ञ समिति ने संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए राज्य के सभी लोगों के लिए प्रोफाइल ट्रीटमेंट शुरू करने की सिफारिश की है। सिफारिश में कहा गया है कि आईवरमैक्टिन दवा संक्रमण को कम करने में मददगार है और लोगों को यह दवा खिलाकर संक्रमण कम किया जा सकता है। आईवरमैक्टिन अभी तक केवल पॉजिटिव मरीज और उनके संपर्क में आए लोगों, डॉक्टरों और कंटेनमेंट जोन में रह रहे लोगों को खिलाई जा रही थी। विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे खानी होगी दवा:विशेषज्ञ समिति के अनुसार, 15 साल से अधिक उम्र के लोगों को आईवरमैक्टिन टैबलेट की 12 एमजी की एक गोली रोजाना सुबह और रात को खाना खाने के बाद तीन दिन तक खानी होगी। इस तरह एक व्यक्ति को छह गोलियां जबकि चार व्यक्तियों के परिवार को 24 गोलियों की एक किट उपलब्ध कराई जानी है। 10 से 15 साल तक के बच्चों आईवरमैक्टिन की 12 एमजी की एक गोली रोजाना खाने के बाद तीन दिन तक दी जाएगी। दो से 10 साल के बच्चों को यह दवाई डॉक्टर की सलाह पर ही दी जाएगी। आशा-आंगनबाड़ी के जरिए वितरण: स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आशा और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के जरिए यह दवाई घर-घर बांटी जाएगी। आशा व आंगनबाड़ी ही लोगों को दवाई के बारे में जानकारी देंगी। गांवों में लोगों को किट बांटने के लिए स्वयं सहायता समूहों की मदद ली जाएगी। समूह किट बनाएंगे जिसके लिए उन्हें प्रति किट एक रुपये का भुगतान किया जाएगा। दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली महिलाओं, लीवर रोग ग्रस्त मरीजों को यह दवाई नहीं दी जाएगी।