कैश निकालने के लिए नहीं है एटीएम के चक्कर लगाने की जरूरत
नई दिल्ली । कोरोना महामारी की वजह से आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (एईपीएस) के जरिये नकदी निकासी पिछले साल के मुकाबले करीब दोगुना हो गई है। वहीं, एटीएम के जरिये इस दौरान होने वाली निकासी में कमी आई है।आधार के जरिये आसानी से नकदी निकासी की सुविधा गांवों और छोटे शहरों में उपलब्ध होने से यह उछाल आया है। गांव के लोग अपने पास के बैंक एजेंट और दुकान से पैसे निकालने की सुविधा के चलते माइक्रो एटीएम प्वाइंट्स की संख्या भी करीब दोगुनी हो गई है। भारतीय रिजर्व बैंक के डेटा के अनुसार, नवंबर महीने में 68.4 मिलियन निकासी के जरिये 18,820 करोड़ रुपये की निकासी एईपीएस के जरिये की गई। वहीं, पिछले साल इस दौरान 39 मिलियन निकासी से 9,778 करोड़ रुपये की निकासी की गई थी।आधार के जरिये आसान निकासी की सुविधा से एटीएम तक जाने वाले लोगों की संख्या तेजी से घटी है। इसके चलते नवंबर में 34 करोड़ एटीएम ट्रांजेक्शन हुईं, जिनमें 1.43 लाख करोड़ रुपये निकाले गए। पिछले साल यह आंकड़ा 64 करोड़ था, जिसमें 3.04 लाख करोड़ रुपये निकाले गए थे। विशेषज्ञों का कहना है कि एटीएम लगाना महंगा होता है, जबकि माइक्रो एटीएम प्वाइंट की व्यवस्था काफी किफायती है। इसके चलते अगले कुछ सालों में एईपीएस की व्यवस्था ग्रामीण इलाकों में एटीएम को बदलने का काम करेगी।