उत्तराखंड के 38 गांवों में बिजली नहीं, अंधेरे में गुजर रहा जीवन
देहरादून : सूबे के 38 गांवों और 4758 तोकों में बिजली नहीं है। हालांकि, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) के तहत विद्युतीकरण का कार्य चल रहा है। लेकिन, इस योजना में उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने जो प्रस्ताव भेजा था, उसके अनुपात में कम धनराशि स्वीकृत हुई है। इससे सिर्फ गांव-तोक तक बिजली तो पहुंचाई जा सकती है, लेकिन दूसरी व्यवस्थाएं संभव नहीं हो सकेंगी। नियमित बिजली आपूर्ति के लिए सिस्टम को मजबूत करने में दिक्कतें पेश आने की आशंका बनी रहेगी।
यूपीसीएल ने 94 गांवों, 4758 तोकों विद्युतीकरण और एग्रीकल्चर फीडर अलग करने के लिए केंद्र को 3400 करोड़ रुपये की कार्ययोजना भेजी थी। इसमें से 842 करोड़ रुपये ही स्वीकृत हुए हैं। इसमें 618 करोड़ रुपये एग्रीकल्चर फीडर के लिए थे। हालांकि, व्यावहारिकता को देखते हुए केंद्र ने एग्रीकल्चर फीडर का बजट तोकों तक बिजली पहुंचाने में खर्च करने की अनुमति दे दी है।
इन गांवों में नहीं है बिजली
पिथौरागढ़-कुटी, रालम, तोला
उत्तरकाशी-हैलीवाड़ी, नौरनूं, सेवा, धाटमीर, गंगर, पवानी, ओसाला, देवाल, भितरी, दूनी, मसारी, पुजेली, साटा, गवाल गांव, खन्ना, वारी, खन्यासनी, चानिका, कामरा, कसलौन, किमदार, लेवतारी, सार गांव, सुरानू की सेरी, दिगारी, गौल
टिहरी- पिंसवार, ऊरनी, गंगी
चमोली-द्रोणगिरी
बिजली से वंचित तोक
पिथौरागढ़- 258, चंपावत- 449, अल्मोड़ा- 297, बागेश्वर-208, रुद्रप्रयाग-150, टिहरी-971, पौड़ी-339, उत्तरकाशी-513, नैनीताल-131, हरिद्वार-15, उधमसिंहनगर-287, देहरादून-697, चमोली-443