नए साल में मंत्री पद और दायित्वों का बंटवारा
देहरादून : प्रचंड बहुमत से सत्तासीन भाजपा सरकार के नौ माह का कार्यकाल पूरा होने के बावजूद रिक्त चल रहे दो मंत्री पदों को भरने और दायित्वों के बंटवारे को लेकर संशय के बादल नए साल में छंट सकते हैं। माना जा रहा कि सरकार और संगठन अब इस मसले को अधिक लटकाने के मूड में नहीं हैं, क्योंकि अगले साल निकाय चुनाव होने हैं और साथ ही 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारियां भी की जानी हैं। यानी लंबे समय से आस लगाए बैठे दावेदारों को नववर्ष में यह तोहफा मिल सकता है।
सरकार में दायित्वों के बंटवारे को लेकर सोशल मीडिया पर अचानक वायरल हुई खबरों के बाद यह मसला फिर से सुर्खियों में है। बता दें कि नौ माह पहले जब भाजपा सत्तासीन हुई तो मंत्रिमंडल में दो मंत्री पद रिक्त रखे गए। संवैधानिक प्रावधान के मुताबिक राज्य विधानसभा में मुख्यमंत्री समेत अधिकतम 12 मंत्री ही हो सकते हैं। तब माना गया था कि खाली चल रहे मंत्री पदों को शीघ्र ही भर लिया जाएगा, मगर ऐसा नहीं हुआ।
यही नहीं, सरकार में जरूरी दायित्वों का बंटवारा भी अब तक नहीं हो पाया है। ऐसे में दावेदारों में बढ़ती बेचैनी को देख पूर्व में दो-तीन दौर की बैठकों के बाद भाजपा संगठन की ओर से 32 नामों की सूची पर मुहर लगाते हुए इसे सरकार और पार्टी हाईकमान को भेज दिया गया था। यही कारण भी रहा कि जब भी मुख्यमंत्री का दिल्ली दौरा होता तो दायित्वों को लेकर दावेदारों की उम्मीदों का सागर हिलौरे मारने लगता, लेकिन हर बार ही निराशा हाथ लगती आई।
अब जबकि, अगले साल राज्य में निकाय चुनावों की तैयारियों में भाजपा जुट गई है तो इससे दायित्व न बंटने से होने वाले नफा-नुकसान का भी आकलन किया जाने लगा है। सियासत के जानकारों के अनुसार जब जरूरी दायित्व बंटने ही हैं तो मसले को अधिक लटकाया नहीं जाना चाहिए। फिर अब तो गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव भी निबट चुके हैं। ऐसे में केंद्रीय नेतृत्व के सामने कोई बहाना भी नहीं है।
वहीं, चर्चा ये भी है कि सरकार और संगठन भी अब मूड में हैं कि दायित्वों का बंटवारा कर दिया जाए। चूंकि, नया साल आ रहा है तो यह इसके मुफीद वक्त भी है। उम्मीद जताई जा रही कि दावेदारों को जल्द यह तोहफा मिल सकता है। वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट कहते हैं कि मंत्री पद भरने और दायित्व बंटवारे को जल्दबाजी नहीं है। आने वाले दिनों में बंटवारा हो जाएगा।