नरेंद्र मोदी प्रचारशास्त्री, अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र जारी करे सरकार : कांग्रेस
नई दिल्ली: सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 5.7 फीसदी तक गिर जाने के बाद कांग्रेस ने शुक्रवार को अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र की मांग की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘प्रचारशास्त्री’ करार दिया. कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि अगर पुरानी पद्धति से आंका जाए तो वास्तविक जीडीपी वृद्धि 4.3 से 4.4 फीसदी ही होगी. सरकार को निकम्मा करार देते हुए कांग्रेस ने दस साल के जीडीपी आंकड़े की मांग की. आनंद शर्मा ने कहा, “अब संख्याएं सामने आई हैं, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली को इस पर पहले से ही आगाह किया था कि जीडीपी तेजी से गिरने जा रही है.”
उन्होंने कहा, “तब, दोनों ने उन पर कड़ी नाराजगी जताई थी. मोदी ने शिष्टाचार व सभ्यता नहीं दिखाई और प्रसिद्ध अर्थशास्त्री व पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के उम्र व अनुभव का सम्मान नहीं किया. मनमोहन सिंह सही साबित हुए. जीडीपी बीते छह तिमाही से गिर रही है.” उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ प्रधानमंत्री सोचते हैं कि उन्हें अर्थव्यवस्था का बेहतरीन ज्ञान व समझ है. वह प्रचार करते रहे कि भारत तेजी से बढ़ रहा है.
शर्मा ने कहा, “क्या यही है वह जिसे आप विकास कहते हैं.” पीएम मोदी पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए शर्मा ने कहा कि मोदी के पास कोई दृष्टिकोण या रोडमैप अर्थव्यवस्था के सुधार के लिए नहीं है.
उन्होंने कहा, “जीडीपी लगातार गिर रही है. अभी हमने 5.7 फीसदी की गिरावट देखी है. यदि हम पुरानी कार्यप्रणाली से देखें तो यह 4.3 से 4.4 फीसदी के बीच होगी. जीडीपी में गिरावट भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा नुकसान होगी.” उन्होंने कहा, “इसलिए हमारी मांग है कि सरकार दस सालों के जीडीपी नंबर जारी करे.. हम भारतीय अर्थव्यवस्था पर एक श्वेत पत्र की भी मांग करते हैं.” उन्होंने कहा कि सरकार नई व पुरानी श्रृखंला के अनुसार विनिर्माण व औद्योगिक उत्पादन की सूची की संख्या जारी करे. उन्होंने कहा, “इस तरह के तेज संकुचन से ग्रास वैल्यू एडिशन व ग्रास वैल्यू प्रोडक्शन में 2 फीसदी की कमी आई है.” कांग्रेस नेता ने कहा कि क्रेडिट उठान भी साल में सबसे कम रही और ग्रास कैपिटल फार्मेशन भी नकारात्मक रहा.
आनंद शर्मा ने कहा, “नौकरियां खत्म हो रही हैं, लेकिन मोदी अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर लगातार यह दावा करते हुए हास्य के पात्र बन रहे हैं कि विश्व को हमसे सीखना है और हम तेजी से बढ़ रहे हैं. यदि यही तेजी से बढ़ना है तो हम नहीं जानते कि क्या कम वृद्धि है और नौकरियों का खत्म होना क्या होता है.” शर्मा ने मोदी सरकार की पहल मेक इन इंडिया पर निशाना साधा और इसे सिर्फ नारा करार दिया. जेटली से ‘सहानुभूति’ जताते हुए शर्मा ने कहा, “अर्थव्यवस्था इस बुरी स्थिति में है, लेकिन जेटली को निर्विकार भाव से सभी से यही कहना है कि भारत तेजी से बढ़ रहा है और सब कुछ सही है.”