उत्तराखंड-हिमाचल सीमा पर मिली रहस्यमय गुफा
त्यूणी (देहरादून) : देहरादून जिले के जनजातीय क्षेत्र जौनसार-बावर के बुल्हाड़-गोरछा गांव के बाद अब उत्तराखंड-हिमाचल बार्डर पर स्थित सनेल कस्बे के पास भी एक प्राचीन गुफा का पता चला है।
इस गुफा के अंदर मौजूद विशेष आकृतियां लोगों में कौतुहल का विषय बनी हुई हैं। गुफा के दीदार को सनेल पहुंचे त्यूणी के कुछ लोगों ने जब वहां शिवलिंग जैसी आकृतियां देखी तो उनकी पूजा करने लगे। कई लोग जेपीआरआर (जगाधरी-पांवटा-राजवन-रोहडू़) हाइवे से सटी पहाड़ी के बीच मौजूद इस गुफा को पांडवकालीन बता रहे हैं। हालांकि, गुफा की प्राचीनता का पता लगाने के लिए अभी एएसआइ (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) देहरादून की टीम सनेल नहीं पहुंची है। लेकिन, स्थानीय लोगों के बीच गुफा के महत्व को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं आम हैं। चकराता तहसील प्रशासन भी अब गुफा की लोकेशन जानने के लिए वहां टीम भेजने की तैयारी कर रहा है।
हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड को जोडऩे वाले जेपीआरआर हाइवे पर सनेल बार्डर की ओर घूमने निकले त्यूणी क्षेत्र के कुछ लोगों को वहां पहाड़ी के बीच एक रहस्यमय गुफा मिली। उन्होंने गुफा के अंदर बनी विशेष आकृतियों को कैमरे में कैद कर जब अन्य लोगों को इस बारे में बताया तो वहां लोगों की भीड़ जुटने लगी।
त्यूणी निवासी गुगुमल राम, जोबन दास व प्रदीप बताते हैं कि सनेल बॉर्डर के पास मिली रहस्यमय गुफा दस से पंद्रह मीटर गहरी है। गुफा तक जाने के लिए कोई पैदल मार्ग नहीं है। वे स्वयं चट्टाननुमा खड़ी पहाड़ी पर चढ़कर जैसे-तैसे गुफा अंदर दाखिल हुए। गुफा के अंदर चारों तरफ देवी-देवताओं की आकृतियां मौजूद हैं।
इनमें शिवलिंग जैसी कई छोटी-बड़ी आकृतियां भी शामिल हैं। ये आकृतियां प्राचीन महत्व की प्रतीत होती हैं। बताया कि उन्होंने शिवलिंगनुमा इन आकृतियों की पूजा-अर्चना भी की। अब उन्होंने इस गुफा की प्राचीनता का पता लगाने के लिए एएसआइ की टीम वहां भेजने की सरकार से मांग की है।
बता दें कि बीते वर्ष जौनसार-बावर के गोरछा-बुल्हाड़ गांव के पास जंगल के बीच भी इसी तरह की एक रहस्यमय गुफा मिली थी। बाद में एएसआइ देहरादून स्थित क्षेत्रीय कार्यालय की अधीक्षण पुरातत्वविद लिली धस्माना के नेतृत्व में एक टीम ने भी गोरछा गांव पहुंचकर गुफा के बारे में जानकारी जुटाई। यहां से एकत्र कुछ अवशेष परीक्षण के लिए भी भेजे गए हैं। जिनकी जांच रिपोर्ट आनी बाकी है।
चकराता के उपजिलाधिकारी बृजेश कुमार तिवारी का कहना है कि मुझे सनेल के पास गुफा मिलने की सूचना है। यह पता लगाने के लिए कि गुफा उत्तराखंड की सीमा में है या हिमाचल की, प्रभारी तहसीलदार त्यूणी स्वराज तोमर के नेतृत्व में जल्द एक टीम वहां भेजी जाएगी। मानचित्र से मिलान के बाद यदि गुफा उत्तराखंड की सीमा में हुई तो इसकी प्राचीनता जानने के लिए एएसआइ को पत्र लिखा जाएगा।
News Source: jagran.com