मुम्बई देश की आर्थिक राजधानी तो उत्तराखण्ड आध्यात्मिक राजधानी : त्रिवेन्द्र
देहरादून, । मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा है कि मुम्बई व उत्तराखण्ड में गहरा नाता है। मुम्बई देश की आर्थिक राजधानी है। उत्तराखण्ड को आध्यात्मिक राजधानी कहा जा सकता है। दोनों राज्य आर्थिकी व अध्यात्म का बेजोड़ नमूना पेश करते हैं। उन्होंने उत्तराखण्ड में निवेश की सम्भावनाओं के बारे में बताते हुए महाराष्ट्र के उद्योग जगत को उत्तराखण्ड में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया।
बुधवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की उपस्थिति में उत्तराखण्ड सरकार द्वारा महाराष्ट्र की राजधानी मुम्बई में ‘डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड-इन्वेस्टर्स समिट’ के तहत रोड शो का आयोजन किया गया। 07 व 08 अक्टूबर 2018 को देहरादून में उत्तराखण्ड राज्य का पहला निवेशक सम्मेलन होगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी इस सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। रोड शो के दौरान मुख्यमंत्री ने उद्यमियों से मिलकर उन्हें उत्तराखण्ड में निवेश की सम्भावनाओं व राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक विकास के लिए उठाये गये कदमों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। प्राकृतिक व मानव संसाधन दोनों दृष्टि से भी निवेशकों के लिए उत्तराखण्ड में अनुकूल माहौल है। रोड शो के बाद अपने संबोधन में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड समिट 2018 के लिए महाराष्ट्र के व्यवसायी समाज और फिल्म जगत के प्रतिष्ठित प्रतिनिधियों की सहभागिता व सहयोग से प्रसन्नता हो रही है। मुम्बई देश की आर्थिक और मनोरंजन राजधानी है और इस नाते राज्य में निवेशकों की सहभागिता एक उत्साहवर्द्धक कदम है। जिससे निवेशकों और फिल्म निर्माताओं के बीच उत्तराखण्ड को एक लोकप्रिय गंतव्य बनाने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में फिल्मों के फिल्मांकन के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है। पिछले डेढ़ सालों में उत्तराखण्ड में अनेक फिल्मों की शूटिंग की गई है।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में निवेश की अपार सम्भावनाएं हैं। नए पर्यटन सर्किट की योजना बनाई जा रही है। इसमें नवग्रह सर्किट, बौद्ध सर्किट, आदि शामिल हैं। 5 हजार साल पुरानी चारधाम पैदल यात्रा पर भी योजना बनाई जा रही है। मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि उत्तराखण्ड में औद्योगिक विकास की विविध सम्भावनाएँ हैं, जहाँ बेहतर मूलभूत सुविधाएं और निवेशक हितैषी नीतियां लागू हैं। व्यवसाय करने की सहजता पर ठोस नीति के साथ ही इस युवा राज्य में स्टार्ट अप तथा नवोदित उद्यमियों के लिए अनेक अवसर उपलब्ध हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि हम उत्तराखण्ड को निवेश के लिए प्रमुख गंतव्य बनाने के लिए महाराष्ट्र में कारोबारी समुदाय के साथ मिलकर कार्य करने के लिए उत्सुक हैं। प्रमुख सचिव उद्योग मनीषा पंवार ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार राज्य में फिल्म सिटी विकसित करने पर फोकस कर रही है। सचिव पर्यटन एवं सूचना दिलीप जावलकर ने कहा कि उत्तराखण्ड का प्राकृतिक सौंदर्य, पर्यटकों को उत्तराखण्ड की ओर आकर्षित करता है। बर्फ से ढ़के पहाड़ों, रंगबिरंगे फूलों, जीव-जन्तु, आकर्षक झीलों के कारण उत्तराखण्ड के कई स्थान फिल्मों की शूटिंग के लिए आदर्श गंतव्य हैं। फिल्म निर्माताओं को राज्य में फिल्मों की शूटिंग के लिए प्रोत्साहित करने के लिए फिल्मांकन पर समर्पित नीति के जरिये इंसेंटिव्स भी मुहैया कराते हैं। राज्य सरकार ने ‘उत्तराखण्ड फिल्म डेवलपमेंट काउंसिल’ (यूएफडीसी) भी बनाई है। इनका उद्देश्य स्थानीय सिनेमा को विकसित करना है।
इस अवसर पर वित्त सचिव अमित नेगी, सिडकुल की प्रबंधक निदेशक सौजन्या, मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार के.एस.पंवार, कॉर्पोरेट जगत के प्रतिष्ठित व्यवसायी जिनमें सीआईआई महाराष्ट्र स्टेट काउंसिल के चेयरमैन और ब्लू स्टार लिमिटेड के संयुक्त प्रबंध निदेशक बी. त्यागराजन, श्री सुशांत नाईक, नेशनल हेड-सरकार एवं सरकारी मामले, टाटा मोटर्स लिमिटेड, विनीत मित्तल, चेयरमैन, एवाडा ग्रुप, सुनील खन्ना, प्रेसिडेंट एवं एमडी, वर्टिव एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड, अरुण नंदा, चेयरमैन, कविन्दर सिंह, प्रबंध निदेशक एवं सीईओ, महिन्द्रा हॉलिडेज एंड रिसॉर्ट्स इंडिया लिमिटेड, हेमंत सिक्का, प्रेसिडेंट एवं सीपीओ, महिन्द्रा ग्रुप, संकल्प पोथबार,े प्रबंध निदेशक-भारत, बांग्लादेश एवं नेपाल, क्राफ्ट हेंज कंपनी लिमिटेड, हर्ष गोयनका, चेयरमैन, आरपीजी एंटरप्राइजेज, आर कानन, हेड-सीपीएम, हिंदुजा ग्रुप, कपिल माहेश्वरी, सीईओ, हिंदुजा रिन्यूएबल पावर, वेंकटचलम कनाप्पन, सीओओ, हिंदुजा हाउसिग फाइनेंस, मणिशंकर घोष, डीजीएम-फाइनेंस, अशोक लेलैंड लिमिटेड आदि उपस्थित थे।