भारत में मोबाइल द्वारा भुगतान ने एटीएम, नगद निकासी को पीछे छोड़ा

वैश्विक रूप से प्रौद्योगिकी और डिजिटलाइजेशन ने बहु बड़े स्तर पर पूरी दुनिया को बदलकर रख दिया है। साथियों सृष्टि पर माननीय बुद्धि की लीला अपरंपार है!! ऐसे ऐसे नवाचार, तकनीकी और अविष्कार हुए हैं कि महीनों का काम मिनटों में करने की मानवीय क्षमता को सैल्यूट!!! हमारे बुजुर्गों ने कभी नहीं सोचे होंगे कि हमारी आने वाली पीढ़ी ने ऐसा तकनीकी सृजन करने की क्षमता धारी है!! साथियों बात अगर हम भारत की करें तो भारत ने भी पिछले कुछ वर्षों से बड़ी तेजी के साथ तकनीकी, अविष्कार, प्रौद्योगिकी में अभूतपूर्व विस्तार तथा नवाचारों का सिलसिला शुरू है!! तथा हमारे वैज्ञानिक जी जान से भिड़े हुए हैं एक नया पूर्ण प्रौद्योगिकी युक्त भारत बनाने की ओर जो आत्मनिर्भर भारत की रीड की हड्डी बन कर नया जोश, ताकत, जांबाज़ी, ज़ज़बा भरने का काम करेंगे!! साथियों बात अगर हम प्रौद्योगिकी वित्त की दुनिया की करें तो हमारे पूर्वजों ने देखे होंगे कि पहले इस तरह की मुद्रा नहीं थी। एक अदला-बदली की प्रथा चलती थी याने किसी एक वस्तु के बदले अन्य सुविधा या कोई वस्तु। मानव क्रमिक विकास के साथ इस तरह के लेन-देन में भी विकास हुआ और चीजों की अदला-बदली को लेकर धातु, सिक्कों, नोटों, बैंक, चेक, कार्ड, एटीएम से होते हुए आज हमारे जीवन में विभिन्न मोबाइल एप्पो तथा डिजिटलाइजेशन क्रांति से और प्रौद्योगिकी वित्त की सुविधा में बहुत बड़ा बदलाव आ चुका है क्योंकि पूर्णरूपेण एक डिजिटल बैंक बिना किसी इमारत या बैंक शाखा के लोगों के मोबाइल में समा चुकी है!! और यह बहुत जल्द ही जनजन तक पहुंच कर आम हो जाएगी इस दिशा में भारी प्रयास चल चलने की चर्चाएं शुरू है। साथियों भारत जिस तरह से प्रौद्योगिकी और वित्त प्रौद्योगिकी की दुनिया में नए-नए आयाम प्राप्त कर रहा है उससे दुनिया हैरान है!!! साथियों बात अगर हम दिनांक 03 दिसंबर 2021 को, इनफिनिटी फ़ोरम 2021 के उद्घाटन की करें तो पीआईबी के अनुसार पीएम ने अपने संबोधन में कहा, भारत ने दुनिया को साबित कर दिया है कि जब प्रौद्योगिकी को अपनाने या उसके मद्देनजर नवाचार की बात आती है, तो भारत किसी से कम नहीं है।डिजिटल इंडिया के तहत परिवर्तनशील पहलों ने शासन में लागू करने के लिये अभिनव फिन-टेक समाधानों के लिये द्वार खोल दिये हैं। प्रौद्योगिकी ने वित्तीय समावेश को गति दी है। साथियों बात अगर हम वित्त प्रौद्योगिकी (फिनटेक) की करें तो, फिनटेक में ऐसे एप्लिकेशन शामिल हैं जो वित्तीय और बैंकिंग सेवाओं का समर्थन और सक्षम करते हैं, जैसे कि मोबाइल बैंकिंग ऐप, क्रेडिट कार्ड स्ट्रिप रीडर जो मोबाइल उपकरणों और टैबलेट से जुड़ते हैं, और सॉफ्टवेयर जो कंपनियों को ग्राहकों से भुगतान संसाधित करने की अनुमति देता है। उन्होंने कहा कि लोगों को एक किफायती और विश्वसनीय भुगतान प्रणाली मुहैया कराने के लिए वित्त प्रौद्योगिकी पहल को वित्त प्रौद्योगिकी क्रांति में बदलने की जरूरत है। पीएम ने यह बात इन्फिनिटी मंच को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इन्फिनिटी मंच का उद्घाटन किया। दो दिन चलने वाले इस कार्यक्रम में इस बात पर चर्चा होगी कि कैसे समावेशी वृद्धि और बड़े पैमाने पर लोगों की सेवा के लिए फिनटेक उद्योग द्वारा प्रौद्योगिकी और इनोवेशन का लाभ उठाया जा सकता है। अर्थव्यवस्था के लिये वित्त जीवनदायिनी रक्त है और प्रौद्योगिकी उसकी धमनी। अंत्योदय और सर्वोदय को प्राप्त करने के लिये दोनों समान रूप से महत्‍वपूर्ण हैं। हमारा प्रमुख इनफिनिटी फोरम हमारे उस प्रयास का हिस्सा है, जो इस उद्योग के अनन्त भविष्य की पड़ताल करने के लिये विश्व फिन-टेक उद्योग के सभी प्रमुख हितधारकों को साथ लाता है। मुझे इस विषय पर श्री माइक ब्लूमबर्ग के साथ अपनी बातचीत याद आती है, जब हम पिछले बार मिले थे और मैं ब्लूमबर्ग ग्रुप को उसके समर्थन के लिये धन्यवाद देता हूं। इनफिनिटी फोरम विश्वास का मंच है, ऐसा विश्वास जो नवाचार की आत्मा के प्रति तथा कल्पना शक्ति के प्रति हो। ऐसा विश्वास, जो युवाओं की ऊर्जा के प्रति हो और बदलाव लाने के उनके जुनून के प्रति। दुनिया को बेहतर जगह बनाने का विश्वास। आइये, हम सब मिलकर, पूरी दुनिया में उभरने वाले जरूरी मुद्दों का समाधान करने के लिये फिन-टेक में नये विचारों की पड़ताल करें, उन्हें आगे बढ़ायें। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी, वित्त में एक बड़ा बदलाव ला रही है, और पिछले साल मोबाइल से किया जाने वाला भुगतान, एटीएम कार्ड से की जाने वाली पैसों की निकासी से अधिक था। उन्होंने कहा कि फिजिकल ब्रांच कार्यालयों के बिना काम करने वाले डिजिटल बैंक पहले से ही एक वास्तविकता हैं और एक दशक से भी कम समय में ये आम हो सकते हैं। उन्होंने कहा,अब, इन वित्त प्रौद्योगिकी (फिनटेक) पहल को वित्त प्रौद्योगिकी क्रांति में बदलने का समय आ गया है। वह क्रांति जो देश के हर एक नागरिक के वित्तीय सशक्तिकरण में मदद करेगी। उन्होंने साथ ही कहा कि फिनटेक की व्यापक पहुंच के साथ ऐसे विचार हैं, जिन पर ध्यान देने की जरूरत है और फिनटेक उद्योग ने एक व्यापक स्तर हासिल किया है, और इस स्तर का मतलब ऐसे ग्राहकों का होना है जो जीवन के सभी क्षेत्रों से आते हैं। मोदी ने कहा, जनता में वित्तीय प्रौद्योगिकी की स्वीकार्यता की एक अनूठी विशेषता है। वह विशेषता विश्वास है। वित्तीय समावेश से फिन-टेक क्रांति को गति मिलती है। फिन-टेक चार स्तंभों पर आधारित है – आय, निवेश, बीमा और संस्थागत ऋण। जब आय बढ़ती है, तो निवेश संभव होता है। बीमा कवरेज से बड़े जोखिम उठाने और निवेश करने की क्षमता बढ़ती है। संस्थागत ऋण से विस्तार को उड़ान मिलती है और हमने इनमें से हर स्तंभ पर काम किया है। जब ये सारे घटक एक-साथ आते हैं, तो आपको वित्तीय सेक्टर में काम करने वाले इतने सारे लोग अचानक नजर आने लगते हैं। विस्तृत बुनियाद फिन-टेक नवाचारों के लिये उड़ान भरने का सर्वोत्तम आधार है। भारत में फिन-टेक उद्योग नवाचार में संलग्न है, ताकि वित्त और औपचारिक ऋण प्रणाली तक हर व्यक्ति की पहुंच बढ़ सके। अब वक्त आ गया है कि इन फिन-टेक पहलों को फिन-टेक क्रांति में बदल दिया जाये, ऐसी क्रांति जो देश के प्रत्येक नागरिक के वित्तीय अधिकारिता को प्राप्त करने में मददगार हो। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि भारत में मोबाइल द्वारा भुगतान ने एटीएम नगद निकासी को पीछे छोड़ा है तथा प्रौद्योगिकी वित्त की दुनिया में मानवीय बुद्धि ने अभूतपूर्व बदलाव लाया है जो तारीफ ए काबिल है।
  संकलनकर्ता लेखक- कर विशेषज्ञ, एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र

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