मैक्स अस्पताल के बढ़ते कदम, ‘हरिद्वार मे डे केयर सर्जरी’ की शुरूआत
हरिद्वार,। मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल देहरादून ने ‘डे केयर सर्जरी’ की शुरूआत की है। जिसमें मरीज सर्जरी के 24 घण्टे के अंदर घर जा सकते हैं। इस तरह की सर्जरी में कंसलटेशन से लेकर अन्य सभी चिकित्सकीय प्रक्रियाएं एक ही दिन में पूरी हो जाती हैं।मैक्स सुपर स्पेशलटी, अस्पताल, देहरादून में कई विभाग डे केयर सर्जरी की सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं जैसे जनरल सर्जरी, ईएनटी, आर्थोपेडिक्स, गैस्ट्रोएन्ट्रोलोजी, प्लास्टिक सर्जरी, स्पाइन सर्जरी, यूरोलोजी, डॉ. ज्योति रैना , कंसलटेंट ऑब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलोजी। कार्यक्रम में मौजूद डॉक्टरों में डा.ॅ संदीप सिंह तंवर, वाईस प्रेज़ीडेन्ट एवं युनिट हैड-ऑपरेशन्स, मैक्स अस्पताल, देहरादून, डॉ. मोहम्मद आतिफ़ खान, सीनियर कन्सलटेन्ट, जीआई एवं जनरल सर्जरी शामिल रहे। ‘डे (एम्बुलेटरी) केयर सेंटर’ विकसित देशों जैसे अमेरिका, इंग्लैण्ड, फ्रांस आदि में प्रचलित अवधारणा है। इस तरह की शल्यक्रिया में मरीज़ को ठीक होने में 24 घण्टे से भी कम समय लगता है और उसे सर्जरी के दिन ही छुट्टी दे दी जाती है। शल्यक्रिया में आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल, लैप्रोस्कोपी जैसे नए तरीकों और एनेस्थेटिक दवाओं के चलते दुनिया भर में डे केयर सेंटरों का चलन तेज़ी से बढ़ रहा है। साथ ही आज की व्यस्त जीवनशैली को देखते हुए लोगों के पास कम समय है, लम्बे समय तक अस्पताल में रहने से उनके काम का ज़्यादा नुकसान होता है। ऐसे में डे केयर सर्जिकल सेंटर में मौजूद आधुनिक शल्यक्रिया तकनीकें मरीज़ों को सर्जरी के बाद एक ही दिन में घर जाने की सुविधा प्रदान करती हैं। जब भी मरीज़ सर्जरी/ऑपरेशन करवाने का फैसला लेता है, तो उसकी चिंता बढ़ जाती है, क्योंकि उसे सर्जरी के बाद रोज़मर्रा के कामों जैसे ऑफिस, घर आदि की चिंता सताने लगती है। जिसके चलते लोग सर्जरी से बचकर अन्य तरीकों से इलाज के विकल्प चुनना चाहते हैं। मरीज़ के साथ-साथ उसका परिवार भी तनाव में आ जाता है। डे केयर सर्जरी अपनी सटीकता के कारण आज के दौर में वरदान साबित हो रही है, जिसमें मरीज़ को कम दर्द होता है, खून का नुकसान भी कम होता है, उसे कम समय के लिए अस्पताल में रुकना पड़ता है और वह जल्दी ठीक होकर अपने काम पर लौट सकता है। ‘डे केयर सर्जरी’ में मरीज़ अपनी सुविधानुसार शल्यक्रिया का दिन/समय तय कर सकता है। छोटे चीरे के कारण इस तरह की सर्जरी में संक्रमण की संभावना भी कम होती है। मरीज़ के अस्पताल पहुंचते ही डे केयर सर्जरी की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है, जिसके तहत पहले से नियुक्त एक ‘डे केयर बड्डी’ लैब रिपोर्ट से लेकर, पैसा जमा करने, एनेस्थिसिया जांच, मूल्यांकन एवं पुनः मूल्यांकन तक सभी ज़िम्मेदारियां संभाल लेता है।