मैक्स अस्पताल बना आम से खास की पहली पंसद

उत्तराखण्ड सहित उत्तरप्रदेश के मरीज भी ले रहे ‘गोल्ड’ नी रिप्लेसमेन्ट के फायदे
सहारनपुर/देहरादून, । मैक्स अस्पताल देहरादून एक बार फिर से सहारनपुर और आस-पास के क्षेत्रों के मरीज़ों के लिए जोड़ों की हर तरह की सर्जरी के लिए पहली पंसद बन गया है। अस्पताल के आर्थोपेडिक्स विशेषज्ञ आधुनिक कम्प्यूटर नेविगेशन तकनीक के द्वारा सर्जरियां कर रहे हैं, इसके अलावा अस्पताल अपने मरीज़ों को ‘गोल्डन’ नी इम्प्लान्ट की सुविधाएं भी मुहैया करा रहा है। मैक्स अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने पिछले कुछ महीनों के दौरान सफलतापूर्वक इस नए इम्प्लान्ट का इस्तेमाल किया है। डॉ गौरव गुप्ता, सीनियर कन्सलटेन्ट, डिपार्टमेन्ट ऑफ आर्थोपेडिक्स, मैक्स सुपर स्पेशलटी हॉस्पिटल, देहरादून ने कहा, ‘‘हाल ही में हमने नए कम्प्यूटर नेविगेशन एवं गोल्ड नी इम्प्लान्ट द्वारा एक युवती में घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी की है। 40 वर्षीय रीना (बदला हुआ नाम) के घुटने में कुछ परेशानी हो गई थी, जिसके चलते वह अपनी बांयी टांग को सीधा नहीं कर पाती थी। मरीज़ को जब अस्पताल लाया गया तो उसके बाएं घुटने में तेज़ दर्द और सूजन थी। उसे बैठने, चलने, सीढ़ी चढ़ने आदि में बहुत परेशानी होती थी।’’ उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा, ‘‘मरीज़ की उम्र कम थी, इसलिए हमने ऐसा नी इम्प्लान्ट चुना जो लम्बे समय तक चले और अच्छी तरह से काम करे। सर्जरी के तुरंत बाद वह अपने सभी काम सामान्य रूप से करने लगी और उसे छुट्टी दे दी गई।’’ र्युमेटोइड आथ्राइटिस एक ऐसी स्थिति है जो ज़्यादातर युवतियों में देखी जाती है। इन मामलों में हमें ऐसा इम्प्लान्ट चुनना होता है जो लम्बे समय तक चले क्योंकि महिलाओं में एलर्जिक रिएक्शन की संभावना अधिक होती है। नया इम्प्लान्ट टिकाऊ होता है और शरीर के ज़्यादा वज़न को भी झेल सकता है। इम्प्लान्ट में कम्प्यूटर नेविगेशन तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है, जिसका लॉन्च पिछले साल ही मैक्स अस्पताल, देहरादून में किया गया था। इस प्रक्रिया में त्रुटि की संभावना कम होती है, मरीज़ जल्दी ठीक हो जाता है और उसे कम समय के लिए अस्पताल में रुकना पड़ता है। यह प्रक्रिया 100 फीसदी सटीक होती है और सर्जरी के बाद मरीज़ अपने रोज़मर्रा के सभी काम सामान्य रूप से करने लगता है। ऐसे में यह आधुनिक तकनीक मरीज़ों के लिए वरदान साबित हो रही है।

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