दिल्ली विश्वविद्यालय के 28 कॉलेजों का स्पेशल ऑडिट कराएगी सरकार
नई दिल्ली । दिल्ली विश्वविद्यालय के 28 कॉलेजों में गवर्निंग बॉडी नहीं बनाए जाने से नाराज दिल्ली सरकार ने अब उनका स्पेशल ऑडिट कराने का फैसला किया है। इस संबंध में शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कैग (भारत के नियंत्रक एव महालेखापरीक्षक) को पत्र लिखा है। सरकार को आशंका है कि सरकार द्वारा दिए गए फंड का कॉलेजों में बड़े स्तर पर घपला किया गया है।
डीयू के 12 कॉलेजों के संचालन के लिए दिल्ली सरकार पूरा फंड देती है, जबकि 16 कॉलेजों में पांच फीसद का योगदान है। कुल मिलाकर सरकार प्रति वर्ष इन कॉलेजों पर 350 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। सोमवार को उपमुख्यमत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया कि शिक्षा के नाम पर दिल्ली सरकार के पैसों के इस्तेमाल में अनियमितता और भ्रष्टाचार नहीं होने देंगे।
It seems Governing Bodies haven't been formed so that corruption & irregularities can go on. Public money cannot be wasted like this! (n/n)
— Manish Sisodia (@msisodia) August 1, 2017
उन्होंने सोमवार को वित्त विभाग को आदेश जारी कर इन सभी कॉलेजों को मिलने वाले फंड पर रोक लगा दी थी। गौरतलब है कि इस विवाद के पीछे इन 28 कॉलेजों में गवर्निंग बॉडी का गठन नहीं हो पाना है। दिल्ली में फरवरी 2015 में ‘आप’ की सरकार आने के बाद सरकार और डीयू की सहमति पर सभी कॉलेजो में जून में गवर्निंग बॉडी का गठन हुआ था, जिसका कार्यकाल 2016 में समाप्त हो गया। सरकार की सिफारिश पर तीन माह का विस्तार दिया गया था, जो सितंबर 2016 मे पूरा हो गया। इसके बाद कॉलेजो में गवर्निंग बॉडी बनी ही नहीं।
दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित कॉलेज
100 फीसद वित्त पोषित कॉलेज
इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंस, भीमराव अंबेडकर कॉलेज, भगिनी निवेदिता, महाराजा अग्रेसन, महर्षि वाल्मीकि कॉलेज ऑफ एजुकेशन, दीनदयाल उपाध्याय, शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज, आचार्य नरेंद्र देव, केशव महाविद्यालय, अदिति महाविद्यालय, भास्कराचार्य और शहीद राजगुरु कॉलेज।
पांच फीसद वित्त पोषित कॉलेज
शिवाजी कॉलेज, मोतीलाल नेहरू, राजधानी, कमला नेहरू, लक्ष्मी बाई, गार्गी, शहीद भगत सिंह, स्वामी श्रद्धानंद, मैत्रेयी, कालिंदी, भारती, एसपीएम, सत्यवती, श्री अरविंदो, विवेकानंद कॉलेज, दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट्स.