राज्य में लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा : शिवराज सिंह
भोपाल । मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस का कहर तेजी से बढ़ता जा रहा है। कोरोना के मामलों में उछाल को देखते हुए मध्य प्रदेश के कई जिले और शहर वीकेंड लॉकडाउन की जद में हैं। ऐसे में एक बार फिर से सबको कंप्लीट लॉकडाउन का डर सता रहा है। हालांकि, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साफ कर दिया है कि राज्य में लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा। बता दें कि शनिवार को कोरोन वायरस के करीब 4900 मामले सामने आए थे।समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राज्य में ऑक्सीजन की कमी नहीं है। 4000 रेमडेसीवीर की इंजेक्शन मौजूद हैं और 5000 आज आ भी जाएंगी। हम पूरे राज्य में टीका उत्सव मना रहे हैं। मध्य प्रदेश में लॉकडाउन नहीं लगेगा। बता दें कि फिलहाल, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल समेत कई शहरों में वीकेंड लॉकडाउन है।इससे पहले मध्य प्रदश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए शनिवार को आशंका जताई थी कि राज्य में इस महीने के अंत तक उपचाराधीन मरीजों की संख्या एक लाख तक पहुंच सकती है। मध्य प्रदेश में शनिवार को कोरोना वायरस के उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 32,707 हो गयी है।चौहान ने भोपाल में कहा, ‘जिस रफ्तार से संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या इस महीने के अंत तक एक लाख तक पहुंच सकती है। हम संक्रमण के प्रसार को रोकने की कोशिश कर रहे हैं तथा लॉकडाउन सहित अन्य उपायों को अपनाना शुरू कर दिया है।’ चौहान ने कहा कि संक्रमण के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए राज्य के सभी जिलों में कोविड-19 देखभाल केंद्र खोलने का निर्णय किया गया है।उन्होंने कहा कि इंदौर व भोपाल में अपर मुख्य सचिव (गृह विभाग) राजेश राजौरा के नेतृत्व में अधिकारियों का एक दल भवनों का पता लगा रहा है, जहां इस प्रकार की सुविधा बनायी जा सके। चौहान ने कहा, ‘तीन दिन पहले तक प्रतिदिन 60 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाती थी। शुक्रवार को प्रदेश में 180 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई।’ चौहान के अनुसार प्रदेश सरकार वेंटिलेटर की भी व्यवस्था कर रही है। उन्होंने कहा, ‘केंद्र से हमें जल्द ही 350 वेंटिलेटर मिलेंगे। मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस के फैलने से रोकने में मदद के लिये लोगों से अनावश्यक रूप से घर से बाहर निकलने से बचने की अपील की है।’ चौहान ने संक्रमण को रोकने के वास्ते सुझाव प्राप्त करने के लिये अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ एक बैठक की। बैठक में बताया गया कि सरकारी अस्पतालों में 60 प्रतिशत और निजी अस्पतालों में 47 प्रतिशत बिस्तर कोविड-19 के मरीजों के लिये वर्तमान में खाली हैं। प्रदेश में कुल मरीजों में 67 प्रतिशत मरीजों को घर में पृथक-वास में रखा गया है जबकि शेष मरीजों का अस्पतालों में उपचार चल रहा है।