लॉकडाउन: उत्तराखंड में 194 उद्योगों को चलाने की मिली मंजूरी, जानें उद्योगों की संख्या
देहरादून। लॉकडाउन में थोड़ी रियायत मिलते ही जिंदगी ने फिर से रफ्तार पकड़ना शुरू कर दिया। लॉकडाउन छूट के पहले दिन उत्तराखंड में सोमवार को 194 उद्योगों में दोबारा कामकाज शुरू होने का रास्ता खुल गया। प्रशासन ने इन उद्योगों को काम शुरू करने की मंजूरी दे दी है। हालांकि राज्य में उद्योगों की संख्या के लिहाज से आवेदनों की तादाद काफी कम है। पिथौरागढ़ और चम्पावत में ऑलवेदर रोड समेत दस विभिन्न विकास परियोजनाओं पर भी काम शुरू होने जा रहा है। उधर कारपेंटर, मैकैनिक, प्लंबर आदि काम करने वाले लोगों में काफी उम्मीद जगी है। उनका कहना है कि लॉकडाउन में राहत मिलने से रोजगार दोबारा पटरी पर आ सकेगा। देखिए इंडिया वार्ता की खास पेशकश
देहरादून में निकाय और पालिका क्षेत्र के बाहर स्थित छोटे-बड़े कुल 102 उद्योगों ने दोबारा काम शुरू करने के लिए आवेदन किया था। जिला प्रशासन ने इन सभी को अनुमति दे दी है। देहरादून जिले के रेड जोन में होने की वजह से शहरी क्षेत्र और पांबद हॉटस्पॉट क्षेत्रों में अभी प्रतिबंध जारी रहेंगे।
हरिद्वार में फार्मा सेक्टर की 905 इंडस्ट्री काम कर रही थी। केंद्र के नए मानक के अनुसार छूट मिलने पर तीन और उद्योगों ने आवेदन किया था। प्रशासन ने तीनों उद्योगों को मंजूरी दे दी। खेती के लिए पास अनिर्वायता को समाप्त कर दिया है। किसान खेतों के बुवाई-कटाई का काम कर सकते हैं। हालांकि किसानों को शोसल डिस्टेंसिंग का खास ध्यान रखना होगा। बढ़ई, इलेक्ट्रीशियन और अन्य मरम्मत कार्यो से जुड़े कामों को करने के लिए 257 लोगों के आवदेन मिले।
चमोली में कालेश्वर मिनी औद्योगिक आस्थान में दो फूड प्रोसेसिंग और एक पैकेजिंग यूनिट को उत्पादन की अनुमति मिल गई। विभिन्न निर्माणाधीन और कार्यशील जल विद्युत परियोजनाओं और भारत माला के अंतर्गत सड़क निर्माण में लगे 2098 मजदूरों की स्क्रीनिंग चल रही है। छह किसानों ने भी खेती के लिए पास की अनुमति मांगी है।
टिहरी की कुल 3915 औद्योगिक यूनिट पंजीकृत हैं। लॉकडाउन के दौरान काम शुरू करने के लिए इनमें से अब तक सिर्फ 30 ने आवेदन किया है। इनमें 13 को मंजूरी दी जा रही है। इनमें फार्मा, फूड प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, मास्क व सेनेटाईजर निर्माण फर्म शामिल हैं। पांच किसानों ने भी खेतीबाड़ी के लिए अनुमति मांगी है। मोटर मैकेनिक का काम करने वाले मुर्तजा बेग, मुकेश व इकबाल का कहना है कि छूट से उन्हें राहत मिली है। इससे उनका काम शुरू होगा। रोजगार चलेगा, साथ ही लोगों को वे अपनी सेवा दे पाएंगे।
रुद्रप्रयाग से एक भी उद्योग ने आवेदन नहीं किया। खेतों में काम के लिए अनुमति की जरूरत नहीं पर 5 से ज्यादा लोगों के समूह बनाकर काम करने पर अनुमति जरूरी है। एसडीएम बृजेश तिवारी ने बताया कि अभी समूह में काम करने वालों को अनुमति के लिए चार आवेदन आए हैं जिनसे शपथ पत्र मांगा गया है।
बागेश्वर जनपद में जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक विमल कुमार चौधरी ने सोमवार को बताया कि यहां तीन उद्योगों-चाय फैक्ट्री, हिम आर्गेनिक और अल्मोड़ा मैग्नेसाइट कंपनी को पास जारी किए गए हैं। अन्य दो उद्योगों के आवेदन पर विचार किया जा रहा है। इसके अलावा बेकरी और चक्की सहित अन्य छोटे उद्योग एसडीएम से अनुमति लेकर काम कर सकते हैं। एसडीएम राकेश चंद्र तिवारी ने बताया कि किसानों को खेतों में काम करने के लिए पास बनाना अनिवार्य नहीं है।
जिले में लॉकडाउन में छूट के पहले दिन सोमवार को बाजार में खासी भीड़ रही। डीएम एसएन पांडेय ने बताया कि ऑलवेदर सड़क का काम शुरू हो गया है। कोलीढ़ेक झील, क्वैराला पंपिंग योजना, नर्सिंग कॉलेज और शारदा में खनन के लिए शासन से मंजूरी मिल गई है। किसानों, श्रमिकों के लिए पास की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
ऊधमसिंहनगर जिले में सोमवार को आवेदन के लिए सिंगल विंडो सिस्टम के जरिये 30 उद्योगों और निर्माण कार्यों पर काम शुरू करने की अनुमति मिली। जिले में वर्तमान में करीब 1300 उद्योग संचालित हैं। जनपद में किसानों और श्रमिकों के खेतों पर जाने को लेकर कोई रोक नहीं है। हालांकि उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य रूप से करते हुए खेतों में मजदूरों से काम लेने के निर्देश दिए गए हैं। एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में खेती संबंधित कार्य करने के लिए जाने के लिए 100 पास जारी किए गए हैं।
जिले में सोमवार से पांच योजनाओं में काम शुरू हुआ। इनमें पिथौरागढ़-तवाघाट एनएच विस्तारीकरण, बेड़ा बगड़ीहाट पावर हाउस, मुनस्यारी-मिलम सड़क सहित पेयजल निगम की दो योजनाएं हैं। कारपेंटर रमेश शर्मा ने कहा कि छूट से राहत मिलेगी पर काम न मिलने से दिक्कत कायम है।
जिले में पहाड़ के औद्यानिक किसानों की समस्या को देखते हुए मंडी समिति के अनुरोध पर डीएम ने हल्द्वानी में तीन आरा मशीनों को फलों के लिए लकड़ी का बारदाना बनाने की अनुमति दे दी है। इसके अलावा दो गत्ता फैक्ट्रियों को गत्ते का बारदाना बनाने की मंजूरी दी है। जिले में कुल 47 किसानों को गेहूं काटने की परमिशन दी गई है। खेतों में जाने के लिए संबंधित एसडीएम से परमिशन लेनी अनिवार्य है। जिले में चार कारपेंटर व पांच इलेक्ट्रीशियन को पास जारी किए हैं।
पौड़ी में 37 उद्योगों ने काम की अनुमति मांगी थी। उन्हें प्रशासन ने इजाजत दे दी है। पॉलीहाउस में काम करने,मटर की तुड़ाई और बाजार बेचने के लिए उद्यान विभाग ने पांच किसानों को पास दिए हैं।
उद्योगों को मंजूरी
जिला मंजूरी
नैनीताल 03
यूएसनगर 30
बागेश्वर 03
पौड़ी 37
देहरादून 102
चमोली 03
टिहरी 13
हरिद्वार 03
कुल 194