राम मंदिर और योगी की मर्यादा
अगले लोकसभा चुनाव के लिए अभी लगभग एक साल का समय बाकी है लेकिन राजनीतिक दलों को लगता है कि 2019 आ गया इसीलिए विपक्षी दल जहां एकजुट होने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं, वहीं भाजपा को अपना साम्राज्य बचाते हुए केन्द्र में फिर से सरकार बनाने की चिंता है। भाजपा ने 2014 में जिस तरह से प्रचंड बहुमत पाया था, उसमें लगातार गिरावट हो रही है लेकिन देश के 29 राज्यों में से 21 में भाजपा की अपनी अथवा सहयोगी दल की सरकार है। वर्ष 2018 के 6 महीने बीत गये तो भाजपा और विपक्षी दलों को उत्तर प्रदेश में एक बार फिर रणनीति पर विचार करना पड़ रहा है। समाजवादी पार्टी और बसपा के साथ चौधरी अजित सिंह और कांग्रेस मिलकर महागठबंधन बनाना चाहते हैं लेकिन सीटों का बंटवारा कैसे होगा, इस पर माथापच्ची हो रही है। भाजपा के लिए सहयोगी दलों का साथ तो जरूरी है लेकिन उसका लक्ष्य और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह वाला है। श्री अमित शाह ने पिछले दिनों देहरादून में कहा था कि हमें पचासी फीसद मत पाने हैं। इस लक्ष्य को पाने के लिए उत्तर प्रदेश में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की शरण में जाना पड़ेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी राम मंदिर मामले को एक बार फिर आगे बढ़ाया है और कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम का मंदिर मर्यादा पूर्वक ही बनेगा और मर्यादा में रहकर बनेगा।
राम मंदिर को राजनीति से भले ही न जोड़ा जाए लेकिन इसकी चर्चा के साथ राजनीतिक उतार-चढ़ाव तो दिखाई ही पड़ते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अनुषांगिक संस्था विश्व हिन्दू परिषद में अयोध्या के राम मंदिर मामले को निंरतर उठाया जाता रहा है। विहिप में पिछले महीने एक बड़ा परिवर्तन आया है। विहिप के बहुचर्चित पदाधिकारी रहे प्रवीण तोगड़िया को कतिपय कारणों से किनारे करना पड़ा। हालांकि इतने बड़े नेता को विहिप में किनारे किया गया है। तो इसके पीछे निश्चित रूप से महत्वपूर्ण कारण रहे होंगे। इनकी तह में जाने की हमें जरूरत नहीं समझते क्योंकि यह एक परिवार का मामला था। विहिप के अन्तरराष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर चुनाव कराने पड़े और श्री प्रवीण तोगड़िया ने जिस उम्मीदवार को खड़ा किया था, वह बड़े अंतर से पराजित हो गया। पूर्व राज्यपाल और सेवानिवृत्त न्यायाधीश विष्णु सदाशिव कोकजे विश्व हिन्दू परिषद के अन्तरराष्ट्रीय अध्यक्ष बने। श्री कोकजे ने भी गत दिनों कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर तो अवश्य बनेगा। उन्हांने नरेन्द्र मोदी सरकार का बचाव करते हुए भी कहा कि हर काम समय पर और व्यवस्था के अनुसार होगा। लेकिन अयोध्या में राम मंदिर बनेगा। श्री कोकजे ने इस मामले को इसलिए भी उठाया है क्योंकि श्री प्रवीण तोगड़िया ने विश्व हिन्दू परिषद से मिलते-जुलते नामवाला संगठन खड़ा कर लिया। श्री तोगड़िया ने अपने संगठन का नाम रखा है अन्तरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद अब श्री तोगड़िया भाजपा की केन्द्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार दोनों को इस मामले में घेरने की कोशिश करेंगे। तोगड़िया पहले से कह रहे थे कि भाजपा की राम मंदिर में कोई रुचि नहीं है।
विहिप के अन्तरराष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राम मंदिर पर बयान इसी संदर्भ में देखे जा रहे हैं क्योंकि 2019 की तैयारियां अभी से होने लगी हैं। श्री कोकजे के आश्वासन के बाद यूपी के सीएम ने भी खुद अयोध्या जाकर संतों को धैर्य बंधाया। यह सही है कि संतों में भी अब इस बात को लेकर चर्चा होने लगी है कि आखिर अयोध्या में कब मंदिर बनेगा। मुख्यमंत्री योगी ने राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास को शाल ओढ़ाकर अभिनंदन किया। श्री योगी ने कहा कि राम मंदिर जल्द ही बनेगा, थोड़ा धैर्य रखें। अयोध्या में संतों ने भी वही सवाल किया था जो जनता करने लगी है। संतों ने कहा कि योगी जी मंदिर का निर्माण करो। स्वामी परमानंद सरस्वती ने कहा कि अब क्या बचा है-प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक से लेकर मेयर तक भाजपा के हैं, फिर भी सरकार राम मंदिर बनाने से परहेज क्यों कर रही है। पूर्व सांसद राम विलास वेदांती ने याद दिलाया कि 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान श्री योगी ने हर मंच से यही ऐलान किया था कि सरकार बनने पर मंदिर का निर्माण होगा।
इसलिए मुख्यमंत्री योगी को इसका जवाब देना जरूरी हो गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि मर्यादा में रहकर ही मर्यादा पुरुषोत्तम का मंदिर बनेगा। इस प्रकार श्री योगी ने राम मंदिर मामले को अदालत के फैसले के आधार पर ही छोड़ दिया है। श्री योगी ने संतों से कहा कि मंदिर जरूर बनेगा लेकिन मर्यादा में रहकर ही राम मंदिर बनेगा। राम मर्यादा के प्रतीक हैं और संत मर्यादा के प्रतिनिधि। इसलिए सभी समस्याओं का समाधान मर्यादा में रहकर ही करना होगा। श्री योगी ने कहा कि हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र है। न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका की भी अपनी-अपनी भूमिका है और उन्हें ये भूमिका निभाने दीजिए। श्री योगी ने कहा कि राम अखंड ब्रह्माण्ड के स्वामी हैं राम की जब कृपा होगी, तब राम मंदिर बनकर रहेगा, इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए। इस प्रकार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मर्यादा में रहकर संतों के प्रश्न का भी उत्तर दिया और न्यायालय की मर्यादा भी बनाये रखी। योगी जी ने कह दिया कि सब कुछ राम जी की कृपा पर है, भाजपा को दोष मत दो।
भाजपा को अब राम जी का सहारा लेना ही पड़ेगा क्योंकि 2014 के बाद से भाजपा ने 12 राज्यों में सरकार जरूर बनायी है लेकिन उसका वोट प्रतिशत विधानसभावार कम हुआ है। भाजपा का सबसे बड़ा गढ़ गुजरात ही 2017 में भरोसेमंद नहीं रह गया था। गुजरात में भाजपा को लोकसभा चुनाव की अपेक्षा विधानसभा के चुनाव में 11 फीसद का नुकसान हुआ है। गोवा जैसे राज्य का गणित भी समझना होगा जहां लोकसभा चुनाव में भाजपा को 54.12 फीसद मत मिले थे लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में 32.28 फीसद मतदाता ही भाजपा के साथ थे। उत्तर प्रदेश में भी लोकसभा की अपेक्षा विधानसभा चुनाव में मत प्रतिशत कम हुआ है।