नेत्रहीन छात्रा से गैंगरेप करने वाले 3 दोषियों को उम्रकैद, आवाज के आधार पर हुई पहचान
नई दिल्ली । दो वर्ष पूर्व निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के पास एक नेत्रहीन छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म करने वाले तीन को दोषी करार देते हुए तीस हजारी अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई। मामले की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रमेश कुमार ने छात्रा द्वारा लगाए गए आरोपों को सही पाया और बीरू, इस्लाम और रमेश नाम के व्यक्तियों को सजा सुनाई।
कोर्ट ने तीनों दोषियों को आईपीसी की धारा 376 (डी), 376 (2)(1), 366 और 506 के तहत दोषी करार दिया है। कोर्ट ने पीड़िता समेत 16 गवाहों ने गवाही और दोनों पक्षों की दलीलों के आधार पर सुनाया फैसला। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह भी कहा की नेत्रहीन छात्रा की गवाही एक अहम सुबूत है और उसके पास ऐसा कोई आधार नहीं की वह किसी पर गलत आरोप लगाए।
2015 का है मामला
उल्लेखनीय है कि यह मामला 2015 का है जब देहरादून के एक नेत्रहीन स्कूल की 12वीं की छात्रा निजामुद्दीन रेवले स्टेशन से देहरादून के लिए ट्रेन पकड़ने पहुंची थी। इसी दौरान बीरू और उसके दो दोस्तों ने युवती को ट्रेन पर बिठाने के बहाने उसे स्टेशन के पास ही एक सुनसान जगह पर ले गए। जहां तीनों ने बारी-बारी छात्रा के साथ दुष्कर्म किया। साथ ही जान से मारने की धमकी भी दी। इसी दौरान मौका पाकर छात्रा ने शोर मचा दिया। इसके बाद रमेश और इस्लाम मौके से भागने में सफल हो गए जबकि छात्रा ने बीरू को दबोच लिया।
छात्रा का शोर सुनकर वहां लोग एकत्रित हो गए और बीरू को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर बीरू से पूछताछ की जिसके बाद उसने अपने दोनों साथियों के बारे में जानकारी दी और पुलिस ने उन्हें भी धर लिया।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने कहा कि उन्हें गलत आरोप में फंसाया जा रहा है और उन्होंने ऐसी किसी घटना को अंजाम नहीं दिया। वहीं मामले की जांच के दौरान छात्रा ने तीनों को आवाज के आधार पर पहचाना लिया साथ ही अन्य सुबूतों ने भी यह सिद्ध कर दिया की तीनों ने मिलकर युवती के साथ दुष्कर्म किया। बताते चलें की बीरू ग्वालियर मध्यप्रदेश, रमेश मुरैना मध्यप्रदेश जबकि इस्लाम महोबा उत्तरप्रदेश का रहने वाला है।
News Source: jagran.com