प्रशासन की मंशा के आगे प्रदर्शनकारियों की एक न चली लक्ष्मणझूला पुल बंद
देहरादून। शासन के आदेशों के बाद प्रशासन ने आखिरकार लक्ष्मणझूला पुल को आवाजाही के लिए पूर्ण रूप से बंद कर दिया है। सोमवार देर शाम करीब साढ़े सात बजे स्थानीय प्रशासन ने भारी पुलिस बल की मौजूदगी में पुल को लोहे की चादरों से सील कर दिया।पिछले कई दिनों से लक्ष्मण झूला पुल को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच आखिरकार स्थानीय प्रशासन ने निर्णायक कदम उठाया। नरेंद्र नगर एसडीएम युक्ता मिश्रा, सीओ नरेंद्र नगर प्रमोद शाह, मुनिकीरेती थाना प्रभारी आरके सकलानी, सहायक अभियंता पीडब्ल्यूडी एसएल गोयल, चौकी इंचार्ज तपोवन नीरज रावत सहित भारी पुलिस बल मौके पर मौजूद रहा। झूला पुल को सील करने के लिए सोमवार दोपहर से ही तैयारियां शुरू हो गई थी। लोहे की चादरें तैयार होने के बावजूद बारिश के कारण आवागमन पूरी तरह बंद करने में विलंब हुआ। बारिश बंद होने के बाद पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता एसएल गोयल ने तैयारियों की सूचना एसडीएम युक्ता मिश्रा को दी।इसके बाद वे खुद मुनिकीरेती थाने पहुंचे और पुलिस बल की मदद मांगी। इसके साथ ही पूरे लाव लश्कर के साथ प्रशासनिक अमला करीब साढ़े सात बजे लक्ष्मण झूला पुल पहुंच गया।खास बात ये रही कि पुल सील करने के दौरान आशंका के मुताबिक कोई विरोध प्रदर्शन देखने को नहीं मिला। करीब दो घंटे चली प्रक्रिया के बाद प्रशासनिक अमले ने चैन की सांस ली। झूला पुल पूरी तरह बंद करने के लिए टिहरी, पौड़ी और स्थानीय प्रशासन ने योजना के मुताबिक काम किया। पूर्व में प्रदर्शनकारी विधायक ऋतु खंडूड़ी के मान मनौव्वल को भी नजरंदाज कर चुके थे। लिहाजा पुलिस प्रशासन ने बेहद चौकन्ना कदम अख्तियार किया।शाम को करीब चार बजे एसएसपी टिहरी ने कांवड़ यात्रा की बैठक ली। इस दौरान स्थानीय व्यापारियों और जनप्रतिनिधियों को भी सुझाव के बहाने बुलाया गया था। इस दौरान प्रदर्शनकारियों को बैठक के बहाने व्यस्त रखा गया।उधर, लोक निर्माण विभाग शासनादेशों के मुताबिक झूला पुल पर आवाजाही के लिए पूरी तरह रोक लगाने की जुगत में लगे रहे। हालांकि व्यापारी सोमवार को भी पुल बंद करने के विरोध में बाजार बंद रखा। इसके बावजूद प्रशासन की मंशा के आगे प्रदर्शनकारियों की एक न चली