उत्तराखंड पुलिस के लिये सड़क सुरक्षा क्षमता निर्माण कार्यक्रम लांच किया
देहरादून, । डियाजियो इंडिया ने आज इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन (आइआरटीई) के साथ मिलकर उत्तराखंड पुलिस के लिये सड़क सुरक्षा क्षमता निर्माण कार्यक्रम लॉन्च किया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन पूरन सिंह रावत, भारतीय पुलिस सेवा, आईजी कुमाऊं रेंज, उधम सिंह नगर, कृष्ण कुमार, सीनियर सुप्रिटेंडेंट ऑफ पुलिस, उधम सिंह नगर, डॉ नीरज खैरवाल, जिला मजिस्ट्रेट, उधम सिंह नगर, कमलेश उपाध्याय, एड. एसपी क्राइम, डॉ. जगदीश चंद एसपी, काशीपुर, स्वतंत्र कुमार सिंह, एड. एसपी रुद्रपुर और इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन (आइआरटीई) के प्रेसिडेंट डॉ. रोहित बलुजा की उपस्थिति में किया गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन की सड़क सुरक्षा 2018 पर ग्लोबल स्टेटस रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में मौतों का सबसे प्रमुख कारण सड़क दुर्घटनायें हैं और हर साल इससे 1.35 मिलियन मौतें हो जाती हैं। उद्योग की रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर साल 1,45,000 से भी अधिक लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हो जाती है। इस आंकड़े के साथ वैश्विक सड़क दुर्घटना में भारत की हिस्सेदारी 12.5 प्रतिशत है। देश में प्रत्येक चार मिनट में एक सड़क दुर्घटना होती है। इस तरह की सड़क दुर्घटनाओं के शिकार 72 प्रतिशत पीड़ितों की उम्र 15-44 वर्ष थी। एक अनुमान के अनुसार 1.5 प्रतिशत सड़क ट्रैफिक दुर्घटनायें और 4.6 प्रतिशत मौतें ज्यादा स्पीड, खराब ड्राइविंग और नशे में गाड़ी चलाने की वजह से होती हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार, 2017 में उत्तराखंड में 1600 सड़क दुर्घटनायें हुईं और इनमें 940 लोग मारे गये।
29-30 दिसंबर 2018 के दौरान उधम सिंह नगर में दो प्रोग्राम दक्षता एवं प्रभाविता के उच्चतम स्तर को हासिल करने के उद्देश्य के साथ, यातायात पुलिस और परिवहन अधिकारियों के लिए सड़क दुर्घटना जांच और यातयात प्रबंधन में क्षमता निर्माण प्रशिक्षण मुहैया करायेगा। प्रशिक्षण में “यातायात नियंत्रण उपकरणों की संहिता एवं मानक”, “सड़क दुर्घटना जांच में फॉरेंसिक साइंस”, “रोड ट्रैफिक लेजिसलेशंस” (नई लेजिसलेटेड मोटर व्हीकल्स ड्राइविंग रेगुलेशंस सहित) और “ऐप्लीकेशंस ऑफ ट्रैफिक इंजीनियरिंग” पर मॉड्यूल्स शामिल होंगे। इस पहल पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये अबंती संकरनारायणन, चीफ स्ट्रैटेजी और कॉर्पोरेट ऑफिसर, डियाजियो इंडिया ने कहा, ‘‘डियाजियो इंडिया ‘रोड टु सेफ्टी’ पहल का उद्देश्य हमारे देश में सड़क सुरक्षा की समस्या का समाधान करने के लिये आवश्यक प्रभाव उत्पन्न करना है। हमारा विजन एनफोर्समेंट, केंद्र एवं राज्य सरकार, गैर-लाभकारी संगठनों और मीडिया के साथ मिलकर काम कर भारत में सड़क सुरक्षा के रूपांतरण में बदलाव लाना है। उत्तराखंड पुलिस एवं आइआरटीई के साथ सहयोग कर, हमारा उद्देश्य इस प्रोग्राम को अधिक उंचाईयों तक ले जाना और सड़क सुरक्षा पर देशव्यापी आंदोलन पैदा करना है।”
डॉ. रोहित बलुजा, प्रेसिडेंट, इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन (आइआरटीई) ने कहा, ‘‘इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन (आइआरटीई) दक्षिण पूर्व एशिया के लिए सड़क सुरक्षा के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस है जोकि जरूरत आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के विकास को सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारे क्षेत्र में यातायात पुलिस यातायात प्रबंधन के सभी मुद्दों के लिए जिम्मेदार है, जिसमें ट्रैफिक इंजीनियरिंग, सड़क सुरक्षा शिक्षा शामिल है, साथ ही एनफोर्समेंट एवं दुर्घटना जांच की उनकी प्राथमिक जिम्मेदारियां भी शामिल हैं।