देर रात सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नवजात की मदद को बढ़ाए हाथ
देहरादून : उत्तरकाशी के अति दुर्गम इलाके सुनाली गांव में रहने वाली मीरा कुमार के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत किसी देवदूत से कम साबित नहीं हुए। देर रात मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने न केवल फोन पर उसकी वेदना को सुना बल्कि उसकी मदद के लिए भी तुरंत स्थानीय अधिकारियों को निर्देश दिए। उनके निर्देश पर स्थानीय अधिकारियों ने बच्चे को सामुदायिक चिकित्सा केंद्र में भर्ती कराकर उपचार कराया। इसके बाद बच्चे की हालात में काफी सुधार आया है।
शुक्रवार रात को उत्तरकाशी की पुरोला तहसील के सुनाली गांव में रहने वाली मीरा पत्नी वीरेंद्र कुमार के नवजात बच्चे की तबीयत बेहद खराब हो गई। बीमार बच्चे के इलाज का कोई रास्ता न देख मीरा ने सीधे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को फोन कर अपनी परेशानी बताई। महिला की परेशानी सुनते ही सीएम त्रिवेंद्र ने जिलाधिकारी को महिला की मदद के निर्देश दिए। जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम पुरोला शैलेंद्र सिंह नेगी रात 11:30 बजे मौके पर पहुंचे नवजात को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। एक घंटे के भीतर ही बच्चे की तबीयत में सुधार होने लगा।
मीरा ने देर रात समस्या को सुनकर उनकी मदद करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कुछ दिन पहले भी फोन पर एक छात्रा की शिक्षकों की कमी की शिकायत को सुना था और फौरन समस्या के निदान के निर्देश दिए थे। इससे पहले उन्होंने डोईवाला से आते हुए फ्लीट रुकवाकर एक घायल व्यक्ति को इलाज के लिए अपने वाहन से अस्पताल भी पहुंचाया था।
ऐसी हुई महिला की सीएम से बात
उत्तरकाशी की सुनाली गांव की रहने वाली मीरा को सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को अपनी पीड़ा बताने के लिए एक भाजपा कार्यकर्ता का सहारा लेना पड़ा। हुआ यूं कि नवजात की तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर मीरा ने अपने गांव के एक भाजपा कार्यकर्ता से मदद के लिए संपर्क किया, इस पर भाजपा कार्यकर्ता ने सीएम आवास पर अपने एक परिचित भाजपा पदाधिकारी को फोन किया और महिला की समस्या बताई। इस पदाधिकारी ने रात ही सीएम की मीरा से बात करा डाली और इसके बाद सरकारी मशीनरी हरकत में आ गई। एक घंटे बाद सीएम ने सुनाली गांव निवासी भाजपा कार्यकर्ता के माध्यम वस्तुस्थिति की जानकारी ली। सीएम के मीडिया प्रभारी दर्शन सिंह रावत ने यह जानकारी दी।