कांग्रेस पार्टी में उपेक्षा से आहत हैं पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय

देहरादून : कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय इन दिनों पार्टी में अपनी उपेक्षा से खासे नाराज हैं। विधानसभा चुनावों में मिली हार का दोष दिए जाने से भी वे खासे दुखी हैं। उनका कहना है कि अब वे और अपमान नहीं सहेंगे। हालांकि, उन्होंने साफ किया कि वह सोनिया-राहुल व कांग्रेस के सिपाही हैं और आलाकमान के निर्देशों का पालन करेंगे।

प्रदेश में गत वर्ष हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को करारी हार झेलनी पड़ी थी। इसका ठीकरा तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के सर फूटा और उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया। इसके बाद पार्टी में उनकी उपेक्षा भी शुरू होने लगी।

पार्टी के भीतर हालात यह बने कि नए प्रदेश अध्यक्ष के रूप में प्रीतम सिंह की ताजपोशी होने के बाद भी कई गुट सिर उठाए रहे। अब निकाय चुनावों को नजदीक देख कांग्रेस में इन दिनों कई सम्मेलन हो रहे हैं और सभी वरिष्ठ नेता इसमें शिरकत कर रहे हैं। हाल ही में हल्द्वानी में पार्टी की बैठक हुई। इस कार्यक्रम में पार्टी नेताओं के पोस्टर बैनरों की भरमार थी, लेकिन इसमें एक चेहरा जो गायब था वह पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय का था।

यही बात पूर्व प्रदेश अध्यक्ष को आहत कर गई। यही कारण भी रहा कि मीडिया को दिए गए बयान में उन्होंने अपनी उपेक्षा की बात कही। उन्होंने कहा कि अब और बेइज्जती नहीं सहेंगे, वे सोनिया-राहुल और कांग्रेस के सिपाही हैं किसी दूसरे के सिपाही नहीं।

उन्होंने यह भी जोड़ा कि विधानसभा चुनाव में भी संगठन नहीं, सरकार हारी थी। पार्टी को तो पूरे वोट मिले लेकिन फ्लोटिंग वोट सरकार के कार्यों के आधार पर मिलता है। इसमें उनका दोष कहां हैं।

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