पुंछ में शहीद हुआ उत्तराखंड का लाल, गांव में पसरा सन्नाटा
गंगोलीहाट, पिथौरागढ़ : जम्मू-कश्मीर के पुंछ स्थित कृष्णा घाटी सेक्टर में देश की सरहद की रक्षा करते गंगोलीहाट के लाड़ले पवन सिंह सुगड़ा ने शहादत दे दी। यह खबर देर शाम गांव के लोगों तक पहुंची तो घरों में सन्नाटा छा गया। किसी की हिम्मत नहीं हो रही थी कि वह पवन के घर वालों को इस विपत्ति की जानकारी दे सके। हर किसी की आंखों में अपने लाड़ले पवन का मासूम चेहरा तैरने लगा। मानो वह अभी-अभी नजरों से ओलझ हुआ हो।
गांव के लोग बताते हैं कि एक माह पूर्व ही वह अवकाश बिता कर जम्मू में देश की हिफाजत का फर्ज निभाने गए थे। जवान पवन काफी मिलनसार और मृदुल स्वभाव का होने के कारण सभी के चहेते थे। लोग उनकी बातें, उनके अंदाज को याद कर फफक पड़ रहे हैं।
गांव के बुजुर्ग पूर्व जिला पंचायत सदस्य केशर सिंह सुगड़ा कहते हैं कि तहसील मुख्यालय गंगोलीहाट से 26 किमी दूर स्थित उनके गांव में अब भी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी गांव के नौजवान फौज में भर्ती होने के लिए शिक्षा एवं फिटनेस बनाए रखने में पूरी जान लगा देते हैं। गांव का नौजवान फौज में ही अपना भविष्य देखता है।
तीन वर्ष पूर्व फौज में हुए थे भर्ती
सुगड़ा निवासी पवन सिंह सुगड़ा करीब तीन वर्ष पूर्व फौज में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। पिता दान सिंह सुगड़ा भी पूर्व सैनिक हैं। जो इस समय गाव में ही रहते हैं। पवन सहित चार भाई बहन हैं। जिसमें दो भाई और बहनें है। बड़ा भाई धीरज सिंह सुगड़ा उत्तराखंड पुलिस में है। जो इस समय हल्द्वानी में तैनात है।
पवन की अभी शादी नहीं हुई है। चार भाई बहनों में उसके बड़े भाई और बहन की शादी हो चुकी है। पवन और उसकी छोटी बहन की शादी नहीं हुई है। छोटी बहन गंगोलीहाट डिग्री कालेज में पढ़ती है।
सीएम ने शोक व्यक्त किया
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जम्मू कश्मीर में तैनात पिथौरागढ़ निवासी पवन सिंह सुगड़ा की शहादत पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होने दिवंगत की आत्मा की शांति एवं दुःख की इस घड़ी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मातृभूमि की रक्षा के लिए उत्तराखंड का एक और लाल सीमा पर शहीद हुआ है। उन्होंने पिथौरागढ़ निवासी पवन सिंह सुगड़ा की शहादत पर उनको कोटि कोटि नमन करते हुए कहा कि उनकी संवेदनाएं शहीद के परिजनों के साथ हैं। उन्होंने कहा कि प्राण की हानि को तो पूरा नहीं किया जा सकता, लेकिन हमारी सरकार शहीद के परिजनों की हर संभव मदद करेगी।