जशोदा राणा को राज्य निर्वाचन आयोग ने बड़ा झटका दिया
देहरादून । उत्तरकाशी जिला पंचायत की अध्यक्ष जशोदा राणा को राज्य निर्वाचन आयोग ने बड़ा झटका दिया है। देहरादून नगर निगम के वार्ड संख्या 40 में उनका दर्ज होने के मद्देनजर आयोग ने नगर पालिका परिषद बड़कोट के पटेलनगर वार्ड में नाम शामिल करने से इनकार कर दिया है। इस संबंध में आयोग ने आदेश भी जारी कर दिए। निकाय चुनाव के लिए भाजपा ने राणा को नगर पालिका बड़कोट के अध्यक्ष पद पर प्रत्याशी बनाया है, मगर वहां नाम न होने से उनका नामांकन रद हो सकता है। वहीं, उत्तरकाशी की कंसेरू ग्राम पंचायत की मतदाता सूची से पहले ही उनका नाम हटाया जा चुका है। ऐसे में उनकी जिला पंचायत की कुर्सी पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। उत्तरकाशी जिला पंचायत के पौंटी वार्ड से सदस्य चुनी गई जशोदा राणा ने जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। जिला पंचायत का चुनाव लड़ने के लिए पूर्व में उन्होंने बड़कोट नगर पालिका परिषद की मतदाता सूची से नाम हटवाया और फिर ग्राम पंचायत कंसेरू की मतदाता सूची में दर्ज कराया। पूर्व में वह बड़कोट निकाय की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। इस बीच मौजूदा नगर निकाय चुनाव के लिए भाजपा ने उन्हें बड़कोट नगर पालिका परिषद का प्रत्याशी घोषित किया। इसे देखते हुए उन्होंने कंसेरू ग्राम पंचायत की मतदाता सूची से उनका हटाने का आग्रह किया और फिर जिला निर्वाचन अधिकारी की संस्तुति पर आयोग ने वहां से उनका नाम हटाने की संस्तुति कर दी। इसके साथ ही जशोदा राणा ने नगर पालिका बड़कोट के वार्ड संख्या-तीन पटेलनगर में नाम दर्ज कराने को आवेदन किया। यह मामला प्रशासन ने राज्य निर्वाचन आयोग को निस्तारण के लिए भेजा। यही नहीं मामला हाईकोर्ट तक भी पहुंचा और कोर्ट ने आयोग को विधि के अनुसार निर्णय लेने के निर्देश दिए। आयोग ने कोर्ट के दिशा-निर्देशों के मुताबिक यह मामला निस्तारित कर दिया।
आयोग ने अपने आदेश में कहा है कि जशोदा राणा का नाम नगर निगम देहरादून के वार्ड संख्या-40 सीमाद्वार की मतदाता सूची में क्रम संख्या 2119 पर अंकित है। सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी पंचस्थानी चुनावालय देहरादून की 23 अक्टूबर को जारी सीमाद्वार की मतदाता सूची से इसकी पुष्टि होती है। आयोग ने उल्लेख किया है कि नगर पालिका अधिनियम की धारा 12-ड़ (2) में प्रावधान है कि कोई व्यक्ति किसी कक्ष की मतदाता सूची में पंजीकरण का हकदार नहीं होगा, यदि उसका नाम किसी नगर, अन्य नगर पालिका क्षेत्र, छावनी या ग्राम पंचायत से संबंधित किसी मतदाता सूची में दर्ज हो, जब तक कि वह यह न साबित करे कि उसका नाम ऐसी निर्वाचक नामावली से काट दिया गया है। आयोग ने इस प्रावधान के आलोक में निर्णय दिया है कि देहरादून में नाम दर्ज होने के कारण जशोदा राणा का नाम बड़कोट पालिका की मतदाता सूची में शामिल करना संभव नहीं है। नगर पालिका बड़कोट की भाजपा प्रत्याशी वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष जशोदा राणा के सामने मतदाता सूची में नाम जुड़वाने को लेकर जिद्दोजहद जारी है। जिला पंचायत अध्यक्ष जशोदा राणा ने कहा कि जिला निर्वाचन अधिकारी ने ग्रामीण क्षेत्र से उनका नाम काट दिया है, लेकिन नगर पालिका बड़कोट में नाम दर्ज नहीं किया है। इसके लिए वे हाईकोर्ट में जा ही रखी हैं, वे न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगी।
बड़कोट में पत्रकारों से बातचीत करते हुए जशोदा राणा ने कहा कि वह वर्तमान में जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। भाजपा व भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें आदेश दिया है कि उनको बड़कोट नगर पालिका का चुनाव लड़ना है। इसलिए 12 अक्टूबर को उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र की मतदाता सूची से नाम कटाने और बड़कोट में नाम जोडऩे की निर्धारित प्रक्रिया के तहत दो फार्म भरकर दे दिए थे। 12 अक्टूबर को ही एसडीएम बड़कोट की रिपोर्ट डीएम को दे दी थी। 13 अक्टूबर को डीएम ने सहायक निर्वाचन अधिकारी पंच स्थानीय को निर्देश दिए कि रिपोर्ट शासन को भेजे। जशोदा राणा ने डीएम उत्तरकाशी पर आरोप लगाया तथा जिलाधिकारी की जवाबदेही बताई। जशोदा राणा ने कहा कि अगर जिला निर्वाचन अधिकारी को मेरा नाम जोड़ना नहीं था तो काटने का कोई अधिकार भी नहीं होना चाहिए था। देहरादून में नाम होने के मामले में जशोदा राणा ने कहा कि अगर मेरा नाम देहरादून में है तो उसके लिए न तो उन्होंने कोई फार्म भरा है। यह साजिश के तहत चढ़ाया है, उस पर कार्रवाई होनी चाहिए।