किसानों को फायदा मिले बिना विकास दर बेकार : जेटली
नई दिल्ली : आर्थिक विकास दर को तब तक तर्कसंगत और समानता वाला नहीं कहा जा सकता, जब तक उसका लाभ किसानों तक नहीं पहुंचे। इसीलिए कृषि क्षेत्र सरकार की प्राथमिकता सूची में शीर्ष पर है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को यह बात कही। जेटली कमोडिटी एक्सचेंज एनसीडीईएक्स में ग्वार सीड में ऑप्शंस ट्रेडिंग की शुरुआत के मौके पर बोल रहे थे। यह देश का पहला एग्री ऑप्शंस कॉन्ट्रेक्ट है।
जेटली ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करने की है कि लाभ किसानों को मिले और कृषि क्षेत्र में भी तेज विकास दर का असर दिखाई दे। केंद्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (सीएसओ) के ताजा आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2017-18 में देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चार साल के निचले स्तर 6.5 फीसद पर आने का अनुमान है। यह नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल की सबसे निचली वृद्धि दर होगी। इस गिरावट के पीछे कृषि और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में खराब प्रदर्शन बड़ी वजह होगी। सीएसओ का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों की वृद्धि दर घटकर 2.1 फीसद पर आ जाएगी, जो पिछले वित्त वर्ष में 4.9 फीसद रही थी।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। वृद्धि का लाभ विभिन्न क्षेत्रों को मिल रहा है। लेकिन देश में बहुत बड़ा वर्ग कृषि पर निर्भर है। यदि कृषि क्षेत्र को विकास दर का लाभ स्पष्ट रूप से नहीं मिलता है, तो इसे तर्कसंगत या समानता वाला विकास नहीं कहा जा सकता। कृषि क्षेत्र में विकास दर का स्पष्ट प्रभाव दिखे, यह सरकार की प्राथमिकता में है।’ जेटली ने कहा कि कुछ जगहों पर ज्यादा उत्पादन की वजह से कीमतों में गिरावट की परेशानी देखी जाती है।
किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है। उन्हें इस स्थिति से बाहर लाने के लिए पिछले कुछ सालों में कई कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘किसान देश की सेवा में हर दम आगे रहे। उन्होंने कड़ी मेहनत के दम पर खाद्यान्न की कमी से जूझते देश को खाद्यान्न की अधिकता वाली स्थिति में पहुंचा दिया। लेकिन बढ़े उत्पादन की वजह से उन्हें कम कीमत मिल रही है।’ वित्त मंत्री ने ऑप्शंस ट्रेडिंग को किसानों के हित में बड़ा कदम बताया है। उन्होंने कहा कि शुरुआत में ऑप्शंस ट्रेडिंग छोटा कदम लगेगा, लेकिन आने वाले दिनों में इसके बारे में जागरूकता बढ़ने के बाद इससे किसानों को फायदा होगा।