औद्योगिक विकास नीति स्कीम को 3 साल और बढ़ाया जाएः जोशी
देहरादून, । राज्य के औद्योगिक विकास, एम0एस0एम0ई0 तथा खादी व ग्रामोद्योग मंत्री गणेश जोशी ने अपने दिल्ली प्रवास के दौरान केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग तथा रेल मंत्री पीयुष गोयल से, नई दिल्ली स्थित उनके कार्यालय में मुलाकात की। इस दौरान काबीना मंत्री गणेश जोशी ने राज्य के औद्योगिक विकास के लिए जारी की गई ‘‘औद्योगिक विकास स्कीम – 2017’’ के लाभ 2022 के बाद भी जारी रखे जाने, फार्मा इण्डस्ट्रीज के लिए प्रयोगशाला परीक्षण उपकरण (स्ंइवतंजवतल ज्मेजपदह म्ुनपचउमदज) तथा क्वालिटी कन्ट्रोल उपकरणों को पात्र घटक (म्सपहपइसम ब्वउचवदमदजे) में सम्मिलित किए जाने, हरिद्वार जनपद अंतर्गत तकरीबन 700 से अधिक पूर्व से स्थापित उद्योगों हेतु बेहतर माल ढुलाई सुविधा उपलब्ध कराने एवं हेतु ‘‘इनलैण्ड कंटेनर डीपो (आई0सी0डी0)’’ सुविधा विकसित करने तथा पर्यटन नगरी मसूरी को शिमला की तर्ज पर रेल कनेक्टिविटी से जोड़ने जैसे प्रस्तावों पर केन्द्रीय सहयोग की मांग की। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी इन दिनों दिल्ली में केन्द्रीय नेताओं से मुलाकात कर अपने अधीन विभागों की योजनाओं की स्वीकृति हेतु पैरवी कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण काल के दौरान देहरादून जनपद के कोरोना उपचार व्यवस्थाओं के प्रभारी के तौर पर कोरोना उपचार व्यवस्थाओं में व्यस्त होने के कारण गणेश जोशी राज्य सरकार में मंत्री बनने बाद पहली बार केन्द्रीय नेताओं से मुलाकात करने दिल्ली पहुंचे हैं।
औद्योगिक विकास मंत्री ने केन्द्रीय मंत्री को अवगत कराया कि वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय (उद्योग संवर्द्धन एवं आन्तरिक व्यापार विभाग), भारत सरकार की अधिसूचना फा. सं. 2 (2) 2018-एसपीएस, दिनांक 23 अपै्रल, 2018 द्वारा हिमांचल प्रदेष और उत्तराखण्ड राज्य में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए औद्यागिक विकास स्कीम -2017 स्वीकृत की गयी है। जो कि 31 मार्च, 2022 तक प्रभावी रहेगी। उत्तराखण्ड राज्य के लिए स्वीकृत उक्त पैकेज में केन्द्रीय पूंजी निवेश उपादान की आकर्षक सुविधा होने के कारण राज्य में औद्योगिक प्रतिष्ठानों द्वारा नये उद्येगों की स्थापना अथवा अपने विद्यमान उद्यम के विस्तार का कार्य किया जा रहा है। अभी भी काफी उद्यमी नये उद्योग की स्थापना या विद्यमान उद्यम के विस्तार के लिए आगे आ रहे हैं, किन्तु गत वर्ष से कोविड-19 के प्रथम व द्वितीय लहर में लॉकडाउन तथा वित्तीय संसाधन जुटाने में कठिनाईयों हो रही है। कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों में जीवन रक्षक दवाओं, मेडिकल ऑक्सीजन, ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर के निर्माण, अस्पतालों की स्थापना एवं वर्तमान परिदृश्य में व्यवहार्य परियोजनाओं हेतु राज्य में ऐसी विनिर्माणकध्सेवा गतिविधि की स्थापना को प्रोत्साहित किया जाना आवश्यक है। उत्तराखण्ड जैसे पर्वतीय राज्य में सीमित वित्तीय संसाधन हैं। अतः इसको दृष्टिगत रखते हुए भारत सरकार द्वारा स्वीकृत इस पैकेज की वैधता दिनांक 31 मार्च, 2022 के बाद भी बढ़ायी जानी नितान्त आवश्यक है। कैबिनेट मंत्री द्वारा केन्द्रीय रेल मंत्री को भारतीय सेना के लिए सुगमता तथा त्वरितता के साथ्ज्ञ सैन्य साजो-सामान एक स्थान से दूसरे स्थान पहुंचाने हेतु विकसित किए गए ‘‘रेवारी- पुरेरा डेडिकेटेड फ्राईट कॉरिडोर’’ के सफल ट्रायल के लिए बघाई दी। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी द्वारा अवगत कराया, कि उत्तराखण्ड राज्य के हरिद्वार जनपद में ‘‘राज्य एकीकृत औद्योगिक आस्थान’’ तथा आसपास के अन्य इंडस्ट्रियल स्टेट को मिला कर लगभग 2000 एकड़ से अधिक भूमि में औद्योगिक आस्थान विकसित किए गए हैं। इन औद्योगिक आस्थानों में लगभग 700 से अधिक औद्योगिक इकाईयां स्थापित हैं। जिनमें लगभग 1,25,000 रोजगार के अवसर विकसित हुए हैं।