मौसम की पहली बारिश में ही पनियाली गदेरे ने रौद्र रूप दिखा तीन जिंदगियां लील ली
कोटद्वार/देहरादून, । कोटद्वार क्षेत्र में मौसम की पहली बारिश में ही पनियाली गदेरे ने रौद्र रूप दिखा तीन जिंदगियां लील ली। बारिश के चलते करंट लगने से तीन लोगों की मौत हो गई। कई घरों में गदेरे का मलबा घुस गया। क्षेत्र की जनता ने प्रशासन पर बाढ़ सुरक्षा कार्यों के नाम पर लापरवाही का आरोप लगाया है।मंगलवार सुबह पनियाली गदेरा उफान पर आया और गदेरे के तेज बहाव में यह मलबा रोड़ा बन गया, जिससे गदेरे का पानी आमपड़ाव व कौड़िया क्षेत्रों में लोगों के घरों में घुस गया। कौड़िया निवासी रणजीत सिंह (30 वर्ष) पुत्र बलवीर सिंह के घर में भी मलबा घुस गया। रणजीत सिंह के साथ ही उसके पड़ोस में रहने वाले अरुण (28 वर्ष) पुत्र कमल और शाकुन (23 वर्ष) पुत्र गुलशन भी घर से सामान बाहर निकालने लगे। इसी दौरान अचानक विद्युत आपूर्ति चालू हो गई और घर के भीतर से सामान निकाल रहे रणजीत, अरूण व शाकुन करंट की चपेट में आ गए। तीनों को बेस चिकित्सालय में लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। रणजीत कोटद्वार में एक बैंक में चतुर्थ श्रेणी पद पर कार्यरत था, जबकि मूल रूप से जनपद बिजनौर के अंतर्गत ढाकी (नजीबाबाद) निवासी अरूण भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड की कोटद्वार इकाई में कार्यरत था। शाकुन भी मूल रूप से जनपद बिजनौर के अंतर्गत सिकरोड़ा-नवादा (मंडावली) का निवासी है और कोटद्वार में नगर निगम के ट्रेचिंग ग्राउंड में कूड़ा निस्तारण के कार्य करता था। गदेरे के उफान पर आने के कारण आमपड़ाव व कौड़िया में कई घरों में जलभराव भी हुआ। साथ ही पनियाली गदेरे में बाढ़ सुरक्षा दीवार निर्माण कार्य में लगी मशीनें भी गदेरे के तेज बहाव में बह गई। क्षेत्र की जनता ने मंगलवार को हुए हादसे के लिए स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली को जिम्मेदार ठहराते हुए सिंचाई विभाग कार्यालय में तालाबंदी भी की। एसडीएम मनीष कुमार सिंह ने प्रभावित परिवारों को मुआवजा देने की बात कही है।