राजस्थान में 5000 बसों के पहिए थमें
राजस्थान में रविवार रात 12 बजे से रोडवेज कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं. इसी के साथ प्रदेशभर में चलने वाली रोडवेज की करीब 4 हजार 716 बसों के पहिए थम गए हैं. इस हड़ताल के समर्थन में जयपुर के लो-फ्लोर बस कर्मचारी भी हड़ताल हैं और इसके चलते राजधानी की 300 लो-फ्लोर बसों का संचालन भी प्रभावित हो रहा है. रोडवेजकर्मियों के हड़ताल पर जाने से ठीक पहले रविवार को परिवहन मंत्री यूनुस खान और रोडवेज कर्मचारियों के बीच वार्ता हुई लेकिन समझौता नहीं हो सकता था.सातवें वेतनमान सहित अन्य मांगों को लेकर हड़ताल पर गए रोडवेज कर्मचारियों के समर्थन में राज्य कर्मचारी संगठनों ने भी समर्थन दिया है. रविवार को वार्ता विफल रहने के बाद सोमवार से प्रदेश के करीब 10 लाख यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ेगी और यदि सरकार और रोडवेज कर्मचारियों के बीच बात नहीं बनी तो चक्काजाम हड़ताल आगे भी बढ़ सकती है.रोडवेजकर्मियों की इस हड़ताल की बड़ी वजह सरकार की वादा खिलाफी है. जुलाई माह में तीन दिन की हड़ताल के बाद सरकार ने संयुक्त मोर्चे से समझौता किया था. उसकी पालना नहीं होने से फिर से हड़ताल की नौबत आ गई. इसकी घोषणा एक पखवाड़े पहले रोडवेज कर्मचारी मोर्चा की ओर से की गई थी. तब से रोडवेज के डिपो पर धरना-प्रदर्शन भी जारी था लेकिन सरकार ने वार्ता जैसा कदम नहीं उठाया.
भूख हड़ताल भी है जारीवहीं, आंदोलन कर रहे राजस्थान परिवहन निगम संयुक्त कर्मचारी फैडरेशन की भूख हड़ताल पहले से जारी है. भूखहड़ताल पर बैठे कुछ कर्मचारियों की रविवार को तबियत बिगड़ गई लेकिन कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती है तब तक भूख हड़ताल जारी रहेगी.