विपरीत परिस्थितियों में महिला प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक डॉ. आर.पी.एस. गंगवार ने किया सराहनीय कार्य
देहरादून। जिन दिनों पूरा विश्व कोराना के महासंकट से जूझ रहा था, उन्हीं दिनों डॉ. आर.पी.एस. गंगवार को महिला प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक का पदभार दिया गया। शिक्षा के प्रति समर्पित डॉ. गंगवार ने विपरीत परिस्थितियों में बेहतरीन कार्य करके दिखाया और अपनी छात्राओं को शिक्षा के प्रति जुनूनी बनाने में मदद की।
कोरोना काल ने यूं तो सभी क्षेत्रों को गहरे प्रभावित किया लेकिन सबसे अधिक प्रभाव पड़ा शिक्षा के क्षेत्र पर। बच्चे घरों में कैद हो गये, क्लासेस बंद हो गईं, शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई। ऐसी विपरीत परिस्थितियों में डॉ. गंगवार जैसे चंद शिक्षाविदों ने आशा की एक किरण जगाई। उन्होंने सबसे पहले अपने शिक्षकों को मानसिक रूप से तैयार किया कि वह जहां भी हैं, वहां से आन लाईन क्लासेस लेना शुरू करें। उसके बाद सभी बच्चों को संदेश भेजा गया कि कोरोना जैसी भीषण बीमारी से डरकर अपने अभियान को रुकने नहीं देना है। शिक्षा के लिए किसी भी परिस्थिति में स्वयं को तैयार रखना है। बच्चों ने भी पूरी तन्मयता के साथ अपने संस्थान के निदेशक और शिक्षकों का साथ देते हुए ऑन लाईन क्लासेस के लिए तैयार हो गये। फिर क्या था, जून 2020 को देहरादून में किसी भी संस्थान में सबसे पहले आन लाईन क्लासेस शुरू करने वाला संस्थान बना महिला प्रौद्योगिकी संस्थान, देहरादून।
कोरोना ने बहुत से लोगों को हमसे छीन लिया और उनके घरों में विपरीत परिस्थितियां बन गईं। ऐसे ही चार बच्चों को जिनके माता-पिता को कोरोना ने अपने आगोश में ले लिया उनके बच्चों को संस्थान ने निःशुल्क प्रवेश दिया, उनकी पूरी शिक्षा निःशुल्क कराई गई। संस्थान के निदेशक ने मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए बच्चों की पूरी सहायता की।कोरोना काल में संस्थान का अंदाज कुछ अलग ही देखने को मिला। जहां सभी ओर उहापोह की स्थिति थी, वहीं डॉ. आर.पी.एस. गंगवार के नेतृत्व में महिला प्रौद्योगिकी संस्थान, देहरादून एक नजीर पेश कर रहा था। ऑन लाईन पढ़ाई, गरीब छात्राओं की सहायता करके संस्थान ने देहरादून ही नहीं वरन पूरे उत्तराखण्ड के शिक्षण संस्थानों को एक नई राह दिखाई और शिक्षा के प्रति अपने समर्पण को दर्शाया।
महिला प्रौद्योगिकी संस्थान देहरादून में कुल 41 कर्मचारी कार्यरत हैं और लगभग 400 छात्राएं शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। यहां पर एक साल की फीस 72000 रुपये है। निदेशक डॉ. आर.पी.एस. गंगवार ने बताया कि मेधावी छात्राओं को संस्थान की ओर से लैपटाप प्रदान किया जाता है। संस्थान की सारी व्यवस्था निदेशक और शिक्षकों को मिलकर करनी होती है। डॉ. गंगवार ने बताया कि इस बार माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी ने संस्थान को आर्थिक सहायता प्रदान की। समय-समय पर मुख्यमंत्री जी का सहयोग मिलता रहता है।
-संदीप शर्मा