जीती तो आम आदमी पार्टी, हारी तो रजनी
चुनावी बिसात में पार्टी ने खेला दांव
देहरादून, । राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के चलते पूर्व दर्जाधरी मैडम रजनी रावत ने कांग्रेस का दामन छोड़ आम आदमी पार्टी का दामन थाम कर निकाय चुनाव में राजधानी देहरादून से मेयर पद के लिए हुंकार भर तो दी है, लेकिन इस हुंकार में रजनी रावत की जीत कम और पार्टी की जीत ज्यादा नजर आ रही है। कारण यह भी बताया जा रहा है कि पूर्व के मुकाबले मैडम रजनी की साख बढ़ने की बजाए घटी है। पार्टी के ही कुछ लोगों का मानना है कि रजनी रावत को पार्टी में शामिल कर पार्टी ने प्रदेश में अपना चुनावी खाता तो खोल दिया है। शुरूआती दौर में इसका फायदा मिले या न मिले पर पार्टी को लोग पहचानने लगेंगे। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि इस चुनाव में नतीजे चाहे जो भी हों पर जीत पार्टी की ही है। अगर मैडम रजनी जीती तो जीत पार्टी की और हारी तो हार मात्र मैडम की। एक बड़ा कारण यह भी बताया जा रहा है कि पार्टी के जो पूर्व में मीडिया प्रबंधन को देखते थे उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। जिन्हें मीडिया की जिम्मेवारी दी गई थी वे अपना दायित्व दूसरों को देकर अपने हाथ खड़े कर चुके हैं। पार्टी के ही कुछ कार्यकर्ताओं का यह भी कहना है कि मीडिया प्रबंधन देख रहे लोग अपने-अपने लोगों तक ही सीमित रह गए हैं। अभी के कुछ दिनों से पार्टी की गतिविधियां, मैडम का जनसंपर्क समाचार पत्रों से गायब दिखाई दे रहा है। जबकी चुनाव प्रचार का शोर 16 नवंबर की साये थम जाएगा।