प्रयोग हुआ सफल तो एक मोबाइल से चार्ज होंगे कई मोबाइल
देहरादून : जल्द ही एक मोबाइल से अन्य मोबाइलों को चार्ज करने की सस्ती तकनीक बाजार में आ सकती है। ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय में इस दिशा में शोध चल रहा है। इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रिानिक्स कम्युनिकेशन सिस्टम के क्षेत्र की नई खोजों की अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में दूसरे दिन कंप्यूटर साइंस विभाग ने शोध पत्र पेश किया।
ग्राफिक एरा के कंप्यूटर साइंस विभाग के वैभव अग्रवाल कम कीमत वाले सॉफ्टवेयर की मदद से एक स्मार्ट फोन से अन्य मोबाइलों को चार्ज करने की तकनीक पर शोध कर रहे हैं। उम्मीद है कि यह शोध जल्द ही अंजाम तक पहुंचेगा। कॉन्फ्रेंस में बर्मिंघम सिटी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. मैक ने आइओटी, डाटा और डिसीजन सपोर्ट विषय पर अपनी प्रस्तुति दी। दक्षिण अफ्रीका की यूनिवर्सिटी ऑफ प्रिटोरिया के प्रोफेसर डॉ. आरसी बंसल ने स्मार्ट ग्रिड टेक्नोलॉजिस विषय पर नए शोध कार्यों पर प्रकाश डाला। आइओसीएल पश्चिम बंगाल के महाप्रबंधक वीके श्रीवास्तव ने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में हो रहे शोध कार्यों के बारे में बताते हुए कहा कि भारत को आज अपनी ऊर्जा की जरूरत पूरी करने के लिए कम से कम 175 हजार मेगावाट सौर और वायु ऊर्जा की आवश्यकता है।
आइआइटी रुड़की के प्रोफेसर डॉ. नागेंद्र प्रसाद पाठक ने नॉन इनवेसिव आरएफ सेंसर विषय पर और आइआइटी रुड़की के ही प्रोफेसर डॉ. वाइवी हूटे ने रोबस्ट पीआइडी कंट्रोलर डिजाइन विषय पर प्रस्तुतियां दी। कॉन्फ्रेंस के संयोजक मंडल के सदस्य और इलेक्ट्रिल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष डॉ. पद्मनाभ ठाकुर ने बताया कि दूसरे दिन चार तकनीकी सत्रों का आयोजन भी किया गया। इस दौरान कुल 25 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। कॉन्फ्रेंस का आयोजन विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रिानिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग ने यूसर्क और सीएसआइआर नई दिल्ली के सहयोग से किया।