हनीप्रीत मामले में पंजाब-हरियाणा के सीएम की जुबानी जंग में हुड्डा भी कूदे
चंडीगढ़। डेरा मुखी प्रकरण के दौरान पंचकूला में 36 लोगों की मौत और फिर हनीप्रीत को लेकर हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों की जुबानी जंग में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी कूद पड़े हैं। प्रदेश सरकार पर हमलावर हुड्डा ने पंचकूला हिंसा की जांच के लिए हाई कोर्ट के सीटिंग जज की अगुवाई में आयोग बनाने और जाट आरक्षण आंदोलन की जांच करने वाले पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह को साथ जोड़ने की मांग उठाई।
शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने कहा कि सरकार बताए कि भाजपा व डेरे के बीच विधानसभा चुनाव से पूर्व क्या डील हुई थी। हनीप्रीत का बयान कि हमने तो सोचा था कि डेरामुखी सुबह पंचकूला में पेशी के बाद शाम को सिरसा लौट जाएंगे, किसी बड़े घालमेल की ओर इशारा करता है। हनीप्रीत की फरारी में पंजाब की भूमिका को लेकर दाल में काला बताने वाले मुख्यमंत्री स्पष्ट करें कि हनीप्रीत डेरा सच्चा सौदा से किसकी रहनुमाई में निकलकर राजस्थान पहुंची। वहां किसकी सरकार है जिसने उसे बचकर निकल जाने दिया।
हुड्डा ने कहा कि जगह-जगह नौकरियां बेचने वाले गिरोह पैदा हो गए हैं। हर लिखित परीक्षा के पेपर लीक हो रहे हैं, इसके बावजूद सरकार पारदर्शिता के दावे कर रही है। उन्होंने पूछा कि जब फसल पर जीएसटी लागू नहीं है तो आढ़तियों पर जीएसटी नंबर लेने का दबाव क्यों डाला जा रहा है।
बिजली व मीटर खरीद घोटाले की हो उच्च स्तरीय जांच
पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने कहा कि बिजली तथा मीटर खरीद में भारी घोटाला की उच्च स्तरीय जांच हो और दोषियों को सजा दिलाई जाए। आखिर क्या वजह है कि प्रदेश के थर्मल प्लांट््स को बंद कर बाहर से बिजली खरीदी जा रही है। यहां तक कि छह-सात हाइड्रो प्रोजेक्ट बगैर किसी विज्ञापन के एक निजी फर्म को सौंप दिए गए जो भ्रष्टाचार का बड़ा नमूना है।
News Source: jagran.com