हनीप्रीत ने 38 दिन में बदले 17 सिम, फर्जी फेसबुक अकाउंट से करती थी कॉलिंग
चंडीगढ़। डेरामुखी गुरमीत राम रहीम के जेल जाने के 38 दिन बाद गिरफ्त में आई हनीप्रीत से जुड़े रहस्यों से पर्दा हटने लगा है। पंचकूला में हिंसा के बाद रोहतक से सोची-समझी रणनीति के तहत गायब हुई हनीप्रीत ने गिरफ्तारी से पहले मोबाइल के 17 सिम बदल डाले। साथ ही छद्म नाम से फेसबुक अकाउंट के जरिये तमाम गतिविधियों की जानकारी लेती रही।
पुलिस लोकेशन को ट्रेस न कर सके, इसके लिए हनीप्रीत ने तीन इंटरनेशनल सिम कार्ड का भी इस्तेमाल किया। अब पुलिस ने उसेे सिम मुहैया कराने वाले लोगों की तलाश शुरू कर दी है। हालांकि हनीप्रीत अपना मोबाइल फोन गुम होने का हवाला देकर आरोपों को झुठलाने की कोशिश में लगी है।
पांच दिन से चल रही पूछताछ में हनी पुलिस को गुमराह करती रही है, लेकिन उसके साथ गिरफ्तार की गई सुखदीप कौर ने कई अहम जानकारियां दी हैं। उसके मुताबिक हनीप्रीत को 38 दिन के दौरान जब भी रुपये-पैसे की जरूरत पड़ी तो उसने मोबाइल का सिम बदलकर डेरा अनुयायियों से संपर्क साधा। इसके बाद उसे गुप्त ठिकानों पर पैसा पहुंचा दिया जाता था। हनीप्रीत को जब भी फोन पर किसी से बात करनी होती तो वह सुखदीप कौर को गाड़ी से उतार देती थी। बातचीत के बाद यह सिम कार्ड या तो तोड़ दिया जाता या फिर फेंक दिया जाता। अपने जिस मोबाइल और पंजीकृत सिम को हनीप्रीत गुम बता रही, वह भी पंजाब के तरनतारन के किसी गांव में है।
पंचकूला के पुलिस कमिश्नर एएस चावला ने कहा कि सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है। हनीप्रीत गुमराह करने की कोशिश कर रही है, लेकिन उसकी साथी से कई अहम जानकारियां मिली हैं। अभी तक की जांच के मुताबिक पंचकूला में हिंसा भड़काने में निश्चित तौर पर हनीप्रीत का हाथ रहा है।
फर्जी फेसबुक अकाउंट से ऑडियो और वीडियो कॉलिंग
पुलिस पूछताछ में हनीप्रीत लगातार कह रही है कि 38 दिन के दौरान वह कहां-कहां रही, यह सब उसे याद नहीं है। मगर सुखदीप कौर ने दावा किया कि हनीप्रीत को चप्पे-चप्पे की जानकारी है। वह जहां भी गई, किसी से रास्ता पूछने की जरूरत नहीं पड़ी। उसे सभी सड़कों और शहरों की जानकारी है। साइबर एक्सपर्ट गुरलीन इंसां के नाम पर बनाए गए हनीप्रीत के फेसबुक अकाउंट की जांच में जुटे है कि कहीं इसकी मदद से ऑडियो और वीडियो कॉल्स तो नहीं की गईं।
News Source: jagran.com